मुंबई,(ईएमएस)। आर्थिक राजधानी के उपनगरीय इलाके भांडुप (पश्चिम) में सोमवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हो गया। व्यस्त स्टेशन रोड पर एक अनियंत्रित बस ने सड़क किनारे खड़े यात्रियों को कुचल दिया, जिससे तीन महिलाओं सहित चार लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में नौ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रत्येक मृतक के कानूनी वारिसों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दे दिए गए हैं और वे उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। फिलहाल, भांडुप पुलिस स्टेशन रोड पर सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन को लेकर स्थानीय निवासियों में भारी रोष देखा जा रहा है। यह पूरी घटना पास की एक कपड़ा दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। वायरल हो रहे दिल दहला देने वाले फुटेज में देखा जा सकता है कि रात करीब 11 बजे कई यात्री सड़क किनारे बस का इंतजार कर रहे थे। तभी अचानक एक मिडी बस तेजी से पीछे की ओर (रिवर्स) आने लगी। बस को अपनी ओर आता देख वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने के लिए अलग-अलग दिशाओं में भागने लगे, लेकिन बस की रफ्तार और अचानक हुए इस घटनाक्रम के कारण कई लोग उसकी चपेट में आ गए। वीडियो में एक व्यक्ति बस के पहियों के नीचे आता हुआ भी दिखाई दे रहा है।वरिष्ठ अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब बस अपने रूट के अंतिम पड़ाव पर थी और ड्राइवर उसे रिवर्स करने की कोशिश कर रहा था। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 52 वर्षीय बस ड्राइवर संतोष रमेश सावंत को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। ड्राइवर के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। घटना के वक्त बस में 47 वर्षीय कंडक्टर भगवान भाऊ घरे भी ड्यूटी पर तैनात थे। जांच में यह भी सामने आया है कि हादसे में शामिल बस वेट-लीज मॉडल के तहत एक निजी ऑपरेटर से किराए पर ली गई थी। इस मॉडल के अनुसार, बस का रखरखाव, ईंधन और ड्राइवर की जिम्मेदारी निजी ठेकेदार की होती है। प्रशासन अब इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यह हादसा किसी तकनीकी खराबी के कारण हुआ या ड्राइवर की लापरवाही इसका मुख्य कारण थी। गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में इसी क्षेत्र के कुछ भीड़भाड़ वाले रूटों से छोटी बसों को हटाया गया था, लेकिन स्टेशन रोड जैसे व्यस्त इलाकों में परिवहन का दबाव अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। वीरेंद्र/ईएमएस/30दिसंबर2025