बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं ढाका (ईएमएस)। बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया का मंगलवार सुबह 6 बजे ढाका में निधन हो गया। वे 80 साल की थीं और पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थीं। खालिदा कई साल से सीने में इन्फेक्शन, लीवर, किडनी, डायबिटीज, गठिया और आंखों की परेशानी से जूझ रहीं थीं। उनके परिवार और पार्टी नेताओं ने निधन की पुष्टि की है। वे 1991 से 1996 और 2001 से 2006 तक दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। वे पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं। खालिदा जिया का राजनीतिक जीवन काफी उठापटक भरा रहा। 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना ने उन्हें नजरबंद कर दिया था। वे जुलाई से दिसंबर तक पाकिस्तानी सेना की कैद में रहीं थीं। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की हार के बाद खालिदा जिया को रिहा किया गया। बाद के सालों में भी उनकी राजनीति टकराव, आंदोलनों और हमलों से घिरी रही। साल 2015 में ढाका में मेयर चुनाव के प्रचार के दौरान उनके काफिले पर गोलीबारी और पत्थरबाजी भी हुई थी, जिसमें वे बाल-बाल बचीं थीं। बांग्लादेश में 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन पर तीन दिन के राष्ट्रीय शोक और उनकी नमाज-ए-जनाजा वाले दिन एक दिन की सरकारी छुट्टी का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि तानाशाही और फासीवादी सोच के खिलाफ खालिदा जिया का नेतृत्व अडिग रहा। जब-जब देश में लोकतांत्रिक संकट आया, उन्होंने अपने नेतृत्व से लोगों को दिशा दिखाई और आजादी की भावना को मजबूत किया। प्रो. यूनुस के मुताबिक, देश उनके योगदान को हमेशा सम्मान और श्रद्धा के साथ याद करेगा। यूनुस ने देशवासियों से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को सतर्क और जिम्मेदार व्यवहार करना चाहिए, ताकि कोई भी देश में अस्थिरता फैलाने या हालात बिगाडऩे की कोशिश न कर सके।