ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख और देश की तीन बार प्रधानमंत्री रह चुकीं बेगम खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को जोहर की नमाज के बाद मानिक मियां एवेन्यू में किया जाएगा। खालिदा जिया के सम्मान में बांग्लादेश सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। उनके निधन पर भारत सहित विश्व के कई देशों के नेताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उनके अंतिम संस्कार के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस अवसर पर कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिनमें भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर का नाम भी शामिल है। खालिदा जिया का जन्म अविभाजित भारत के पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) चला गया। वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने देश की लोकतांत्रिक पहचान को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाई। अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद की विशेष बैठक के बाद, प्रवक्ता नजरुल ने पत्रकारों को बताया कि जिया को उनके पति और बीएनपी के संस्थापक, पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र के बगल में ढाका के शेर-ए-बांग्ला नगर स्थित जिया उद्यान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाएगा।अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद की विशेष बैठक के बाद, प्रवक्ता नजरुल ने पत्रकारों को बताया कि जिया को उनके पति और बीएनपी के संस्थापक, पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र के बगल में ढाका के शेर-ए-बांग्ला नगर स्थित जिया उद्यान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाएगा। खालिदा जिया के निधन के साथ बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास का एक अहम अध्याय समाप्त हो गया है। उनकी जीवन यात्रा अत्यंत संघर्षपूर्ण रही। शुरुआत में एक साधारण गृहिणी के रूप में जीवन बिताने वाली जिया ने अपने पति की हत्या के बाद राजनीति में कदम रखा और देश का नेतृत्व किया। उन्होंने न केवल सत्ता संभाली, बल्कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता के रूप में उन्होंने देश की राजनीति पर जो छाप छोड़ी, वह अमिट है। बता दें मंगलवार की सुबह ढाका के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह 80 वर्ष की थीं। उनके निधन की खबर से पूरे बांग्लादेश में शोक की लहर दौड़ गई है। वीरेंद्र/ईएमएस/31दिसंबर2025