अंतर्राष्ट्रीय
20-Jan-2023
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लाहौर (ईएमएस)। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है जबरन धर्म परिवर्तन के मामले लगभग रोज सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों से संबंधित लोगों को अब विश्वविद्यालयों में कुरान पढ़ना होगा। यह तब आया है जब सीनेट ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें सभी विषयों के छात्रों के: लिए सभी विश्वविद्यालयों में अनुवाद के साथ कुरान पढ़ाने की सिफारिश की गई है। हालांकि इस पढ़ाई के लिए छात्रों को अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी और न ही छात्रों को इसके लिए अलग से कुछ नंबर मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक इस सभी विश्वविद्यालयों में अनिवार्य कर दिया जाएगा लेकिन यह परीक्षाओं का हिस्सा नहीं होगा या अतिरिक्त अंकों का प्रावधान नहीं होगा। संसद के उच्च सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि युवाओं के मन में पैगंबर मुहम्मद की सीरत के बारे में विस्तृत और व्यापक ज्ञान को विकसित करने के लिए सीनेट द्वारा एक और प्रस्ताव पारित किया गया था। जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद ने दो प्रस्ताव पेश किए। उन्होंने दावा किया कि ये दोनों संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हैं। पाकिस्तान की तरफ से ऐसा कदम उस वक्त में उठाया गया है जबकि कुछ समय पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद के एक चर्च में क्रिसमस समारोह को संबोधित कर हिंदुओं सिखों ईसाइयों और पारसियों सहित पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया था। उन्होंने देश में उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की भी पुष्टि की। आशीष/ईएमएस 20 जनवरी 2023