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04-Feb-2023
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भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश की सरकार बजट के पहले, और 5 दिन के अंदर दूसरी बार कर्ज लेने जा रही है। 31 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार ने 2000 करोड रुपए का कर्ज लिया था। मात्र 5 दिन के अंतराल के बाद 3000 करोड़ रुपए का कर्ज मध्य प्रदेश सरकार ओर लेने जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार 7 फरवरी को रिजर्व बैंक में बॉन्ड गिरवी रखकर 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। यह कर्ज सरकार 10 वर्ष के लिए ले रही है। इसका भुगतान 2033 में करना होगा। शिवराज सरकार लगातार कर्ज लेकर खर्च कर रही है। लोकलुभावन योजनाएं शुरू कर 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राज्य सरकार की कमाई का बड़ा हिस्सा ब्याज और किश्त के रूप में जाने से मध्य प्रदेश सरकार का आर्थिक संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। आने वाले सालों में वित्तीय स्थिति बेहद खराब होने की संभावना वित्त मंत्रालय के अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं। विकास योजनाओं के लिए सरकार,स्वीकृत बजट की राशि भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। मध्य प्रदेश सरकार को वर्ष 2022 में 57000 करोड़ रुपए का वित्तीय घाटा हुआ। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपइया की तर्ज पर सरकार कर्ज पर कर्ज लेती जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार पर अभी जो कर्ज है उसकी किस्त के रूप में 46000 करोड रुपए हर साल सरकारी कोष से देना पड़ रहा है। जिसके कारण सरकार की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन ब्याज और किस्त के बोझ से खराब होती जा रही है। - 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्जा मध्य प्रदेश सरकार के ऊपर लगभग 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है।अप्रैल 2022 की स्थिति में मध्य प्रदेश सरकार के ऊपर 2,95,000 करोड़ रुपए का कर्ज था।मध्य प्रदेश सरकार ने जून 2022 से नवंबर 2022 तक 12000 करोड रुपए, जनवरी 2023 में 2000 करोड़, तथा फरवरी 23 में 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है। इससे मध्य प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है। लगातार टैक्स और शुल्क सरकार बढ़ा रही है। सरकार की कमाई का लगभग 25 फ़ीसदी हिस्सा ब्याज के रूप में जा रहा है। इसके बाद भी सरकार अपने खर्चों में कमी नहीं कर रही है। आय और व्यय को कर्ज के सहारे छोड़ दिया है। हाल ही में लाडली बहन योजना में 12000 करोड रुपए प्रति वर्ष की नई योजना शुरू की है। जिस तरह से प्रदेश सरकार के ऊपर कर्ज बढ़ता चला जा रहा है ऐसी स्थिति में भुगतान का आने वाले कुछ महीनों में बड़ा संकट खड़ा होने वाला है इसको लेकर वित्त विभाग के अधिकारी भी चिंतित हैं।