ज़रा हटके
14-Mar-2023
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-सरकारी एजेंसियों और कंपनियों पर लगाया जाता है जुर्माना टोक्यो (ईएमएस)। जापान की सरकार ने लोगों के मोटा होने पर बैन लगा दिया। ज्यादा मोटा होने पर सरकारी एजेंसियों और कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाता है। इसके साथ ही मोटे कर्मचारी की काउंसलिंग की जाती है और उन्हें फिट होने के लिए रिहैब सेंटर तक में डाल दिया जाता है। यहां के लोग मख्खन-मलाई, घी-बटर खाना पसंद नहीं करते।वे मिठाइयां भी नहीं के बराबर खाते हैं।इसके बावजूद वे दुनिया के सबसे स्वस्थ लोगों में गिने जाते हैं। जापान आज दुनिया का एक सबसे फिट देश है।उसने करीब डेढ़ दशक पहले 2008 में अपने नागरिकों को फिट बनाने के लिए एक अभियान चलाया था।यह दुनिया में संभवतः अपने आप में एक यूनिक अभियान है।इस अभियान को कानूनी जामा भी पहनाया गया।इस कानून के तहत कंपनियों और स्थानीय सरकारों को नियमित रूप से 40 से 74 साल के अपने नागरिकों की कमर की माप लेनी होती है।इस माप के आधार पर मानक से अधिक किसी नागरिक को मोटा पाया जाता है तो उन्हें डाइट प्लान दिया जाता है।फिर तीन माह बाद उनकी कमर मापी जाती है। अगर इन तीन महीने में भी उनका वजन नहीं घटता है तो उस नागरिक को फिर छह माह के लिए कोर्स दिया जाएगा।2008 में बने इस कानून में नागरिकों को फिट बनाने में विफल रहने पर कंपनियों और स्थानीय सरकारों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है।इस अभियान को चलाने वाले जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इससे देश में डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों पर काबू पाया जा सकेगा।इंटरनेशनल डायबिटिक फेडरेशन के मुताबिक 33.5 इंच से अधिक कमर साइज पर मर्द और 35.4 इंच से अधिक कमर साइज होने पर महिला को जापान में मोटा माना जाता है।फेडरेशन ने 2005 में जापानी लोगों के लिए यह मानक तय किया था। इसी मानक के आधार पर कानून बनाया गया।जापानमें कानूनों को बेहद सख्ती से लागू किया जाता है।इस कानून को भी प्रभावी तरीके से लागू किया गया और तमाम कंपनियां अपने कर्मचारियों को फिट रखने के लिए इसे प्रभावी तरीके से लागू करती हैं। जापान के लोग दुनिया में एक सबसे फिट कहलाने वाले लोग हैं।यहां के खानपान में मछलियों का सेवन ज्यादा होता है।लोग डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल न के बराबर करते हैं।इनका वजन और कमर की साइज भी निर्धारित मानक के अनुरूप होता है।इस कारण जापान में दिल के मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम है।इस श्रेणी में कोरिया और फ्रांस भी आते हैं।यहां भी दिल के मरीजों की संख्या कम है। पिछले दिनों पैनासोनिक कंपनी पर इस कारण भारी जुर्माना भी लगा था।कंपनी अपने कर्मचारियों की कमर की साइज मानक के अनुसार रखने में विफल साबित हुई थी।दुनिया के तमाम शोध से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि कोलेस्ट्रॉल का लेवल निर्धारित मानक के अनुरूप रहने पर किसी व्यक्ति में दिल की बीमारी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। सुदामा/ईएमएस 14 मार्च 2023