राज्य
18-Mar-2023
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-अर्न्तराष्ट्रीय पंचम रामायण अधिवेषन द्वितीय दिवस मानस भवन में भोपाल (ईएमएस) । पंचम अर्न्तराष्ट्रीय रामायण अधिवेषन भोपाल, रामचरितभवन हयुस्टन अमेरिका, रामायण क्रेन्द्र भोपाल एवं तुलसी मानस प्रतिष्ठान के संयुक्त त्रिदिवसीय आयोजन के द्वितीय दिवस पर मुख्य वक्ता के रूप में स्वामी धु्रवानंद तीर्थ ने कहा कि संसार शान्ति की खोज में है। पर यह शान्ति कहीं बाहर नहीं है। तथा जिसे हम भौतिक दृष्टि से प्राप्त नहीं कर सकते है। हमारे धर्म ग्रन्थ बताते है कि शान्ति तो हमारे भीतर है जो सद्गुणों के प्रभाव से अनुभव की जासकती है। स्वामीजी ने सुंदरकांड के पारायण एवं इसका आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए कहा कि श्री हनुमानजी ने लंका में शान्ति रूपी सीताजी की खोज की। यह शान्ति हमारी देह की लंका में विद्यमान है। किन्तु दुर्गुणों के प्रभाव से हम इसे प्राप्त नहीं कर पाते है। अतः शास्त्रों का सार है कि हम सत्संग करें। दूसरे मुख्य वक्ता के रूप में जबलपुर से पधारे डॉ.अखिलेश गुमास्ता ने अपने विषय साफ्ट पावर आफ रामायण विषय पर कहा कि श्रीरामचरितमानस में जो संवेदनशीलता,सहन शक्ति, दया, कस्णा, प्रेम, क्षमा जैसे सद्गुणों की जो शिक्षा मिलती है वहीं मानवता की रक्षा कर सकती है। यही इसकी आध्यात्मिक शक्ति है। इसके पूर्व प्रारंभ में शोध कर्ताआें ने पांच विशेष सत्रों के अंतर्गत अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये। जिनके माध्यम से श्रीरामचरितमानस के विभिन्न विशयों पर अपने विचार रखे। और प्रश्नोत्तर के माध्यम से उनका समाधान भी किया। कार्यक्रम में हयुस्टन से पधारे ओमप्रकाश गुप्ता की संक्शिप्त तुलसी रामायण की विभिन्न भाषाओं ने अनुवाद के संबंध में श्री गुप्ता ने बताया कि इसका उदद्ेश्य रामचरितमानस को न केवल हिन्दी भाषी बल्कि विभिन्न भाषा भाषी वाले क्षेत्रें में भी पहुंचाना है। कल अर्न्तराष्ट्रीय रामायण का समापन दिवस है। कार्यक्रम में विशेष सत्र के अंतर्गत रघुनंदन शर्मा की अध्यक्शता में स्वामी धु्रवानंद तीर्थ, डॉ.अखिलेश गुमास्ता, जबलपुर काशाल/श्रीफल से सम्मान किया गया। इस अवसर पर कार्याध्यक्ष रघुनंदन शर्मा, ओमप्रकाश गुप्ता,रामचरितमानस भवन, हयुस्टन,अमेरिका, डॉ.राजेश श्रीवास्तव, रामायण केन्द्र, माघवसिंह दांगी, बी.के.सांघी उपस्थित थे। स्वामी धु्रवानंद का शाल, पुष्पमाला से स्वागत किया गया। पूर्व में कार्यक्रम में रामचरित भवन द्वारा आयोजित दो सत्रों में शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में संयोजक राजेन्द्र शर्मा प्रभुदयाल मिश्र, सचिव कैलाश जोशी, डॉ.श्रीमती मालती जोशी, श्रीमती सुशीला शुक्ला माघवसिंह दांगी, बी.के.सांघी, रामगिरीश द्विवेदी, कमलेश जैमिनी, जयनारायण गुप्ता, महेश सक्सेना, महेश दुबे, मनीश भट्ट आदि सदस्य एवं बड़ी संख्या में शोधार्थी उपस्थित थे। सांय 7.00 बजे तुलसी मानस प्रतिष्ठान की ओर से होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्याध्यक्ष रघुनंदनशर्मा ने सभी को होली मिलन की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर होली पर फाग गीत एवं हास्त व्यंग्य की कविताओं की प्रस्तुति की गयी। कार्यकम का सुंदर संचालन कमलेश जैमिनी ने किया। ईएमएस/18मार्च2023