राज्य
26-Mar-2023


नई दिल्ली (ईएमएस)। यह पता लगने पर कि नाबालिग लड़की ने अपनी गलत उम्र बताकर मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए दिल्ली हाई कोर्ट ने रेप के दोषी की सजा पर रोक लगा दी। जस्टिस जसमीत सिंह ने आदेश में कहा कि लड़की 17 साल 4 महीने की थी जब वह अपीलकर्ता के साथ मर्जी से गई। इसके बाद दोनों का एक बच्चा हुआ जो लड़की के पास है। हाई कोर्ट इस व्यक्ति की अपील पर सुनवाई कर रहा था जिसने मामले में दोषी ठहराए जाने और 12 साल की सजा को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने अपील पर सुनवाई जारी रहने तक अपीलकर्ता की सजा निलंबित कर दी और साथ में कुछ शर्तें भी तय कीं। इसमें एक शर्त यह है कि वह लड़की की मर्जी के बिना उसकी और उसके बच्चे की जिंदगी में दखल नहीं देगा। हाई कोर्ट ने यह आदेश मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए लड़की के बयान पर गौर करते हुए पारित किया। लड़की ने बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से लड़के के साथ गई थी और वह उससे प्यार करती थी। लड़की ने लड़के (अपीलकर्ता) को जमानत पर रिहा करने को कोर्ट से अनुरोध किया। अपनी गवाही में भी लड़की ने कहा कि उसने दोषी व्यक्ति को अपनी उम्र गलत बताई थी कि वह बालिग है। हाई कोर्ट दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को लड़की को फौरन चार लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। अजीत झा/देवेंद्र/नई दिल्ली/ईएमएस/26/मार्च/2023