राज्य
11-Apr-2023
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-मखाना के भव्य माला से महामहिम का हुआ स्वागत - 980 विद्यार्थियों को दी गई डिग्रियां, - 12 को मिले गोल्ड मेडल और 14 को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भागलपुर (ईएमएस) भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सातवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने की। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के तौर पर बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली से उद्यान उपनिदेशक डॉ ए के सिंह साथ ही राज्यपाल के प्रधान सचिव रोवर्ट एल चिम्पु मौजूद थें। कृषि मंत्री ने इस अवसर पर घोषणा कि की कृषि क्षेत्र में 9000 लोगों को नौकरियां दी जाएगी। गौरतलब हो कि, इस बार दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का थीम था जल-जीवन-हरियाली। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई उसके बाद विधिवत घड़े मे जल अर्पित कर किया गया जिसमें महामहिम राज्यपाल, बिहार सरकार के कृषि मंत्री, दिल्ली से आए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के उद्यान उपनिदेशक, राज्यपाल के प्रधान सचिव, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के अलावे कई गणमान्य अतिथि मौजूद थें। महामहिम राज्यपाल के भागलपुर की धरती पर पहुँचते ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उसके बाद बैंड से स्वागत किया गया। मंच पर महामहिमा राज्यपाल को भव्य मखाना के माला को पहना कर किया गया। साथ ही सभी विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र व पौधा देकर स्वागत किया गया। फिर जल जीवन हरियाली के तहत हो रहे आज के सातवें दिक्षांश समारोह मे सभी अतिथियों के द्वारा जल अर्पित किया गया। सातवें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र के बाद कुल 980 विद्यार्थियों को महामहिम राज्यपाल के हाथों डिग्रियां प्रदान की गई। जिसमें यूजीसी के 688 , पी जी के 243 और पीएचडी के 49 विद्यार्थी थें, वहीं 12 छात्रों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया। साथ ही साथ बिहार सरकार के कृषि मंत्री द्वारा विश्वविद्यालय में अनुकंपा के आधार पर कुल 14 लोगों को नियुक्ति पत्र भी दिया गया। जिन छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया उनमे मयंक कुमार, शालवी, रिया सोनी, इराम आरजू, श्रुति सिन्हा, साक्षी कुमारी, अंकिता दुवे, नवनीता दास, ऋत्विक साहू थे। बेस्ट टीचर अवार्ड के लिए चंदन पांडा और संतोष कुमार को गोल्ड मैडल देकर सम्मानित किया गया। वहीं कृषि विश्वविद्यालय सबौर के द्वारा गोद लिए गए कस्तूरवा गांधी विद्यालय के बच्चों को पठन पाठन की समग्री देकर सम्मानित किया गया। साथ ही वर्क इज वर्सिफ एंड वर्क इज एसमाईलिंग के साथ कई पुस्तक और लोगो का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के अंतिम कड़ी में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं और यहां के शिक्षक व कर्मियों के बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई।विश्वविद्यालय परिसर एवं भवनों को रंगीन रोशनीओ से सजाया गया था। पूरे विश्वविद्यालय में मानो उत्सव का माहौल था। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड मौजूद थें। वही महामहिम राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा आत्मनिर्भर बनो। नौकरी करके नौकर मत बनो। हमारी शिक्षा में ही यह सिखाया जाता है कि तुम डिग्री लेकर किसी के नौकरी करो। लेकिन यह कहीं से देश के हित में नहीं है। हमें अगर अपने देश को विश्वगुरु बनाना है तो हमें नौकरी नहीं रिसर्च करना होगा और आत्मनिर्भर बनना होगा। हमारा जो अपना टैलेंट है उसे निकालना होगा और उस पर काम करना होगा, ना कि किसी का नौकर बन कर सीमित रह कर काम कर रहा है।