अंतर्राष्ट्रीय
22-Apr-2023
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न्यूयॉर्क (ईएमएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अभी से टेंशन भी देने लगा है। हाल यह है कि इस तकनीक का पॉर्नोग्राफी में भी दुरुपयोग करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। डीपफेक वीडियो ऐसे वीडियो होते हैं जो कि डिजिटली तैयार किए जाते हैं। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बदलाव कर दिए जाते हैं। कई साल से इस तरह के वीडियो बनाए जा रहे हैं जो कि इंटरनेट पर धड़ल्ले से प्रसारित होते हैं। कई साल पहले रेडिट यूजर ने ऐसी क्लिप्स शेयर की थीं जिनमें कंधे के ऊपर किसी सिलेब्रिटी का चेहरा फिट कर दिया गया था। दरअसल पॉर्ट ऐक्टर्स के कंधे के ऊपर का चेहरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बदल दिया जाता है। कई बार तो यह सच जैसा लगने लगता है। इस तरह की तकनीक सभी के लिए और खासकर महिलाओं के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। अब डीपफेक क्रिएटर लोगों को टारगेट करने और इंटरनेट यूजर को अट्रैक्ट करने के लिए भी इस तरह के वीडियो बनाते हैं। इसमें पत्रकारों, नेताओं, ऐक्टर्स के चेहरे का भी इस्तेमला किया जाता है। इंटरनेट पर इस तरह के हजारों वीडियो मौजूद हैं। कुछ तो ऐसी भी वीडियो हैं जो कि यूजर को खुद अपना चेहरा लगाने का ऑप्शन भी देती हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल अपने पहले के पार्टनर को परेशान करने के लिए, उसकी छवि खराब करने के लिए भी किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आजकल डीपफेक बनाना बहुत ही आसान हो गया है। सही बात यह है कि तकनीक लगातार आगे बढ़ेगी और उसके साथ ही इस तरह की चीजें भी आगे बढ़ जाएंगी। ऑनलाइन सेक्शुअल वॉइलेंस, डीपफेक पोर्न, डीपफेक पॉर्न इमेजेज के जरिए लोगों को परेशान किया जाना भी शुरू हो गया है। एक घठना का जिक्र करते हुए ऑस्ट्रेलिया की एक्सपर्ट नोएला मार्टिन कहती हैं कि एक 28 साल की युवती ने जब अपनी फोटो को गूगल पर सर्च करने की कोशिश की तो उसे डीपफेक पोर्न मिला। मार्टिन ने कहा कि उसे भी नहीं पता था कि यह वीडिया किसने बनाया। इसके बाद कई वेबसाइट से संपर्क करने उन्होंने वह वीडियो हटवाने की कोशिश की। कई जगहों से तो संपर्क नही नहीं हो पाया। वह वीडियो हटवाती थी और कुछ दिन बाद फिर से दिखने लगता था। इसके बाद युवती ने कोर्ट का रुख किया।