राज्य
29-Apr-2023
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ड्रग्स के मामले में युवक को भेजा था जेल, जॉच में निकला युरिया भोपाल(ईएमएस)। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पुलिस द्वारा एक युवक के खिलाफ एनडीपीएस के एक झूठे मामले में जेल भेजने के मामले में डीजीपी से पीड़ित को दस लाख रुपये देने और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोपी से खतरनाक नशीला ड्रग एमडीएमए जब्त करने का दावा किया था, जबकि एफएसएल की जांच में वह ड्रग्स नहीं यूरिया निकला। जानकारी के अनुसार ग्वालियर के मुरार थाना पुलिस ने 6 सितम्बर 2022 को आरोपी रोहित तिवारी के खिलाफ के एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर दावा किया था, कि उसके कब्जे से 760 ग्राम एमडीएम ड्रग्स पकड़ी है। यह ड्रग्स काफी मंहगा होता है, और इसका काफी हाईप्रोफाइल पूल पार्टियों में किया जाता है। पुलिस ने उसके पास से एमडीएमए ड्रग्स की जब्ती दिखाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में आर्टिकल 439 के तहत हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की और उसमे जब्त किए गए पदार्थ की एफएसएल रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने का निवेदन किया। हाईकोर्ट ने निवेदन को स्वीकार कर रिपोर्ट मंगवाई। रिपोर्ट में पाया गया कि रोहित तिवारी से जप्त किया गया पदार्थ एमडीएमए ड्रग नही बल्कि वह तो यूरिया है। आरोपी रोहित तिवारी के वकील सुनील गोस्वामी ने बताया कि हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट में पाया कि जब्त किए गए पदार्थ यूरिया से एनडीपीएस का मामला नही बनता इसलिए यह एफआईआर गलत है, जिसे निरस्त किया जाए। कोर्ट ने माना कि रोहित तिवारी को 9 माह तक़ कस्टडी में रखकर उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन किया गया जिसके लिए डीजीपी उन्हें मुआवजे के रूप में दस लाख रुपये दें। साथ ही इस मामले से जुड़े और जांच अधिकारियों के लिए निर्देश दिए है, कि इस तरह के गलतियॉ भविष्य में न हो यह सुनिश्चित करें और दोषी लोगों पर कार्यवाही की जाए। जुनेद / 29 अप्रैल