व्यापार
25-May-2023
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नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार का उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय एक योजना बना रहा है। इस योजना के मुताबिक छेद वाली दवाई पट्टी तैयार की जाएगी। इसके हर हिस्से में निर्माण और एक्सपायरी की तारीख लिखी होगी। इससे आपको जितनी ही टैबलेट चाहिए उतनी ही मिलेगी। इसके अलावा एक और विकल्प की तलाश की जा रही है। दवा की पट्टियों पर क्यूआर कोड अंकित किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर पूरी पट्टी खरीदने पर जोर देने की शिकायतों में वृद्धि देखी गई है। इसके बाद कंपनियों से बातचीत शुरू की गई। आने वाले समय में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। मंत्रालय ने हाल ही में फार्मा उद्योग के दिग्गजों के साथ इस मामला पर विचार-विमर्श किया। बैठक में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के शीर्ष अधिकारियों ने भी भाग लिया। अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की गई और मंत्रालय ने सुझाव दिया कि दवाओं की पैकेजिंग के लिए नई तकनीकों की खोज की जानी चाहिए। दवा की एक पूरी पट्टी जबरन खरीदने से न केवल चिकित्सा अपव्यय होता है बल्कि ग्राहकों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ भी पड़ता है। विभाग को कई उपभोक्ता शिकायतें मिली हैं कि कैसे केमिस्ट दस गोलियों या कैप्सूल की एक पूरी पट्टी बेचने पर जोर दे रहे हैं और उन्हें कम बेचने से मना कर रहे हैं। ऐसे भी मामले हैं जहां प्रिस्क्रिप्शन केवल एक या दो दिन के लिए होता है और उपभोक्ता को पूरी पट्टी खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। कुछ मामलों में, उपभोक्ता कम मात्रा में दवाइयां खरीदते हैं क्योंकि वे पूरे सप्ताह के लिए दवाएं नहीं खरीद सकते। केमिस्टों के मुताबिक, कटी हुई दवा पर मैन्युफैक्चरिंग, एक्सपायरी की जानकारी स्पष्ट नहीं होने के कारण कोई उन्हें लेना नहीं चाहता।