नई दिल्ली(ईएमएस)। शनिवार को सीजफायर का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान का साथ देने की चीनी प्रतिक्रिया पर भारत उसे खरी खरी सुना दी है। भारत के एनएसए डोवाल ने कहा कि भारत युद्ध वाली फितरत कभी नहीं रही। पाकिस्तान के साथ सीजफायर के बाद एनएसए अजीत डोवाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की है। बातचीत के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोवाल ने इस बात पर जोर दिया की पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकियों पर भारत की कार्रवाई अनिवार्य थी। हालांकि युद्ध भारत की पसंद नहीं है। डोवाल की बात पर यी ने भी इस बात पर सहमति जताई की चीन भी सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है इसके साथ ही उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा भी की। उन्होंने कहा कि एशिया में शांति स्थापित करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच शांति रहना जरूरी है। वहीं दूसरी तरफ चीनी विदेश मंत्री ने कहा, चीन पहलगाम आतंकी हमले समेत आतंकवाद से सभी रूपों का विरोध करता है। वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय स्थिति अशांत और आपस में जुड़ी हुई है। एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता बड़ी मुश्किल से हासिल की गई है। हमें इसे बचाकर रखना चाहिए। भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी हैं.. और दोनों ही चीन के पड़ोसी हैं। ऐसे में हमें अलग नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही वांग यी ने दोनों देशों से इस मुद्दे को कूटनीति के जरिए सुलझाने का आग्रह किया। डोवाल के बयान की तारीफ करते हुए यी ने कहा, चीन आपकी इस बात की सराहना करता है कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है और ईमानदारी से उम्मीद करता है कि भारत और पाकिस्तान शांति से रहेंगे और किसी भी तरह की परिस्थितियों को बातचीत और परामर्श के जरिए संभालेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने कहा, पहलगाम आतंकवादी हमले में निर्दोष भारतीयों को मारा गया। इसके बाद आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई अनिवार्य थी। युद्ध कभी भी भारत की पसंद नहीं रहा.. और भारत यह मानता है कि युद्ध किसी के भी हित में नहीं है। भारत इस युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द से जल्द क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए तत्पर है। वीरेंद्र/ईएमएस/11मई 2025