राष्ट्रीय
26-May-2023
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कोई दस्तावेज नहीं, जिसमें नेहरू या लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताया नई दिल्ली (ईएमएस) नई संसद के इनॉगरेशन में अब 2 दिन बचे हैं, लेकिन इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। सेंगोल (राजदंड) पर भाजपा के दावों को कांग्रेस ने झूठा करार दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि सेंगोल (राजदंड) को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर आजादी के समय नेहरू को इसे सौंपा था। इससे जुड़े सभी दावे गलत हैं। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेसियों ने सेंगोल को वॉकिंग स्टिक समझा और संग्रहालय में भेज दिया था। पीएम मोदी नई संसद के इनॉगरेशन के वक्त 75 रुपए का सिक्का भी जारी करेंगे। - वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से झूठ फैलाया जा रहा जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा है- इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि नई संसद को वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिले ज्ञान से दूषित किया जा रहा है। बीजेपी-क्रस्स् बिना सबूत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने कहा, सेंगोल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण बीजेपी का एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया है। यह सच है कि सेंगोल (राजदंड), जिसको तत्कालीन मद्रास प्रांत में एक सनातन समूह ने बनाया था और मद्रास में ही तैयार करने के बाद अगस्त 1947 में देश के तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। लेकिन इस बात का भी कोई भी दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, राजाजी और नेहरू ने इस राजदंड को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बताया हो। इससे पता चलता है कि इनके सभी दावे पूरी तरह से झूठे और बोगस हैं। हो सकता है उनको यह ज्ञान वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिला हो।