राज्य
27-Sep-2023
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:: मांगलिया स्थित ऋषि तीर्थ पर 27 फरवरी से 3 मार्च तक पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव :: इन्दौर (ईएमएस)। इन्दौर महानगर के प्रवेश द्वार ए.बी. रोड हाईवे पर निर्मित ‘ऋषि तीर्थ ’ पर आचार्य श्री प्रसन्नऋषि महाराज के सानिध्य में प.पू. प्रभुमती माताजी के 32 उपवास आज पूरे हो गए हैं। इसी तरह आर्यिका पुष्पमती माताजी के 16 उपवास भी पूरे हो गए हैं। दोनों के उपवास का पारणा 1 अक्टूबर को होगा। ऋषि तीर्थ के अध्यक्ष राजकुमार जैन, मंत्री अंकुर पाटनी, कोषाध्यक्ष दिलीप जैन एवं पंचकल्याणक के प्रचार सचिव ऋषभ पाटनी ने बताया कि मांगलिया में प.पू. आचार्य कुशाग्रनंदी म.सा. एवं आचार्य प.पू पुष्पदंत सागर म.सा. की मंगल प्रेरणा से एबी रोड पर ऋषि तीर्थ का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इस जिनायतन और जिनबिम्ब का सात दिवसीय पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव आगामी 27 फरवरी से 3 मार्च तक वृहद पैमाने पर आयोजित किया जाएगा। यहां वर्तमान में पर्युषण पर्व में प.पू. आचार्य प्रसन्नऋषि म.सा. की निश्रा में धर्मसभा के आयोजन जारी हैं। ऋषि तीर्थ पर प.पू. प्रभुमती माताजी के 32 उपवास आज पूरे हो गए हैं। इसी तरह आर्यिका पुष्पमती माताजी के 16 उपवास भी पूरे हो गए हैं। दोनों के उपवास का पारणा 1 अक्टूबर को होगा। आज अकिंचन धर्म विषय पर प्रेरक आशीर्वचन हुए। महाराजश्री ने कहा कि मोक्ष सुख पाने का हकदार वही हो सकता है, जिसने अंदर-बाहर के परिगृह में का त्याग कर दिया हो। समस्त परिगृहों का त्याग ही अकिंचन धर्म है। धर्मसभा में प.पू. आचार्य प्रसन्न ऋषि म.सा. ने कहा कि आत्मा अकिंचन है। जीव संसार में मोहवश जगद के सभी जड़ और चेतन पदार्थों को अपनाता है। किसी के पिता, माता, भाई, बहन आदि रिश्तों को जोड़कर ममता करता है। याद रखें कि धन-वैभव जड़ है और गुण-वैभव चेतन है। जड़ नश्वर है और चेतन शाश्वत। नश्वर के मोह में शाश्वत की बलि चढ़ाना बहुत बडी भूल है। अतः समस्त परिग्रहों को त्यागकर हम सब उत्तम अकिंचन धर्म को अपनाकर मोक्ष के सुख को प्राप्त कर सकें यही हमारा प्रयास होना चाहिए। उमेश/पीएम/27 सितम्बर 2023 संलग्न चित्र – इन्दोर। प.पू. प्रभुमती माताजी व आर्यिका पुष्पमती माताजी