राज्य
06-Oct-2023
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कुशीनगर(ईएमएस)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में कई दिनों से हो रही लगातार वर्षा से एक तरफ जहां जल जमाव की समस्या उत्पन्न हुई है। वही धान की पकी फसल और इस जल जमाव से अन्य फसलो के बुआई में हो रही देरी से किसान चिंतित है। कुशीनगर के सभी तहसील क्षेत्र को देखा जाए तो हर तरफ आलम यही है कि चाहे वह पडरौना हो या फिर कसया हो या खड्डा तहसील हो या फिर तमकुही राज हो चारों तरफ खेतों में जल जमाव की स्थिति बनी हुई है। खेतों में पानी लगने से पकी फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई। ऐसे में कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने किसानों के चेहरे को मुरझा दिया है। धान की पकी फसल पानी लगने के कारण अब बुरी तरह प्रभावित हो रही है वही दूसरी तरफ लगातार हो रही बारिश से जल जमाव होने पर अगली बोई जाने वाली फसल की चिंता किसानों को सताने लगी है। इस वर्षा से किसान ही नही खेती किसानी से जुड़े विभाग भी परेशान है। जल जमाव से इन विभागो की योजना ही चौपट होती नजर आ रही हैं। इसी समय तैयार होती है आलू की खेती अगर अन्य फसल जैसे आलू आदि को देखे तो हस्त नक्षत्र के बाद एवं दीपावली के दिन तक आलू रोपनी का उत्तम समय है। वैसे अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से लेकर दिसम्बर के अंतिम सप्ताह तक आलू की रोपनी की जाती है। परन्तु अधिक उपज के लिए मुख्यकालीन रोप 5 नवम्बर से 20 नवम्बर तक कर ली जाती है। अफसोस की पानी बरसने से जगह जगह जल जमाव हो गया ऐसे इन फसलों को लेकर किसान चिंतित है। हालत ऐसे है कि प्रत्येक दिन वर्षा हो रही है। कसया तहसील के सपहा निवासी मदन सिंह ने बताया कि रोज बारिश हो रही मैने सरजू बावन धान लगाया था।जो पक कर पूरी तरह तैयार लेकिन क्या करेखेत में पानी लगा हुआ है। चिरगोड़ा धूसी निवासी प्रमोद ने बताया कि खेत में पानी लगा हुआ है। बारिश रोज हो रहा है क्या किया जाय समझ में नहीं आ रहा है। राजकीय आलू प्रक्षेत्र कसया के प्लाटो लगा पानी किसान तो परेशान है ही उनके साथ उद्यान विभाग भी परेशान है। प्रत्येक वर्ष राजकीय आलू प्रक्षेत्र कसया में बीज के लिए आलू की रोपाई की जाती है।लेकिन लगातार हो रही बारिश से जल जमाव हो गया। ऐसे में आलू की रोपाई पिछण सकती है। जानकारी के अनुसार बरवा फॉर्म पर आलू बीज ब्रीडर के लिए 4.7 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त है। लेकिन अत्यधिक वर्षा होने के कारण आलू फार्म के प्लाटो में पानी भरा हुआ है अभी आलू बीज ब्रीडर को लगाने में 20 से 25 दिन का समय लगेगा। जिससे बीज के उत्पादन में कमी आ शक्ति है। अजय कुमार त्रिपाठी ईएमएस