राज्य
10-Oct-2023
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- भदोही : 45 वां अन्तर्राष्ट्रीय कालीन मेला - भारत में 17 हजार करोड़ का फैला है कालीन उद्योग कारोबार - अन्तर्राष्ट्रीय कालीन मेले में 68 देशों के 450 से अधिक पहुंचेंगे विदेशी खरीददार भदोही (ईएमएस)। भदोही की हस्त निर्मित कालीन वैश्विक पटल पर अपनी खूबसूरती एवं गुणवत्ता की छाप छोड़ रही है। भारत में 17 हजार करोड़ के कालीन उद्योग कारोबार में 60 प्रतिशत की भागीदारी भदोही कार्पेट बेल्ट की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश में ओडीओपी कार्यक्रम एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं की वजह से सिर्फ चार साल में राज्य का निर्यात 250 गुना बढ़ गया है। इसके साथ ही एक जनपद, एक उत्पाद जैसी नीति इस उद्योग के लिए वरदान साबित हुईं है। भदोही, मिर्जापुर एवं वाराणसी कालीन निर्माण का हब है। विशेष रूप से भदोही में हाथ से बनने वाली कालीन की अपनी अलग पहचान है। नए संसद भवन में भदोही की ही कालीन लगाई गयीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भदोही के हस्त निर्मित कालीन एवं उसे बनाने वाले बुनकरों के अद्भुत हुनर की प्रशंसा भी कर चुके हैं। अपने उत्कृष्ट निर्यात के कारण भदोही को कालीन निर्यात में ‘टाउन्स आफ एक्सपोर्ट एक्सलेंसी एवार्ड मिला है। मुख्यमंत्री योगी ने ‘ब्राण्ड कालीन’ का भी लोकापर्ण किया है। कालीन मेले का उद्घाटन सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। भदोही के जिला कारागार बन्दियों की तरफ से बनाई गयीं कालीन और उसके हस्तशिल्प कला की तारीफ़ भी खुद मुख्यमंत्री ने किया है। मेले में दुकान नंबर 20 पर बीकानेर की प्रसिद्ध नेचूरल जूट से निर्मित पेटलूम की कालीन आकर्षण का केंद्र है। अन्तरिक्ष के क्षेत्र में भारत की महान उपलब्धि चन्द्रयान लैडिंग के दृष्य को कुशल कारीगरों ने अपने हुनर से कालीन सीनरी पर उकेरा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या में निर्माणधीन श्रीराम मंदिर की चित्रकारी एवं मुख्यमंत्री के छबि वाली कालीन भी भेंट की गयीं। प्रधानमंत्री मोदी की ‘मेक इन इण्डिया’ एवं ‘वोकल फार लोकल’ -‘लोकल फार ग्लोबल’ जैसी नीति कालीन उद्योग को बढावा देने में कारगर साबित हुईं है। प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इण्डिया को जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ के साथ आगे बढ़ाने की दूरदर्शी सोच कालीन उद्योग के लिए बेहतर साबित हो रहीं है। कालीन उद्योग को टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म उपलब्ध होने से हस्तशिल्पी एवं कारीगर वैश्विक मंच पर अपनी धाक जमाता हुआ दिखता है। दूसरी तरफ राज्य की योगी सरकार की तरफ से परम्परागत उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए ‘वन डिस्ट्रीक, वन प्रोडक्ड की नीति कालीन उद्योग के साथ राज्य के दूसरे उद्योग के लिए वरदान साबित हो रहीं है। प्रदेश में इस योजना की शुरुवात 2018 में की गयीं थीं। भदोही में आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कालीन मेले में लगभग 68 देशों के 450 से अधिक विदेशी खरीददार एवं 250 से अधिक उनके प्रतिनिधि इसमें सहभागिता कर रहे है। जिसमें यूएसए, आस्ट्रेलिया, यूरोप, बेल्जियम, इजिप्ट, जर्मनी, इटली जैसे देश शामिल हैं। भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग में लगभग 20 लाख बुनकरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। भदोही में 08 से 11 अक्टूबर तक चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कालीन मेला चल रहा है। हस्तनिर्मित कालीन की सांस्कृतिक विरासत एवं बुनाई कौशल को बढ़ावा देने के लिए कालीन निर्यात सवर्धन परिषद (सी0ई0पी0सी0) एवं जिला प्रशासन ने कार्पेट एक्सपो मार्ट, कार्पेट सिटी भदोही में इस मेले का आयोजन किया है। 45 वां इण्डिया एक्सपो मार्ट अन्तर्राष्ट्रीय कालीन मेला है। कालीन मेले में 260 स्टॉलों का लगाया गया है। कालीन मेले में एक से बढ़कर एक खूब सूरत डिजाइन वाली कालीन का निर्माण किया गया है। कशी एवं प्रयागराज मध्य भाग की पवित्र भूमि में आयोजित इस मेले से सरकार और निर्यातकों को बढ़ी उम्मीद है। निश्चित रूप से कालीन मेलों के इतिहास में भदोही में आयोजित मेला इतिहास रचेगा। प्रभुनाथ शुक्ल/ 10 अक्टूबर 2023