लेख
28-Nov-2023
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भाग्य बदलते देर नहीं लगती वक्त एक जैसा नहीं रहता इसलिए कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। कभी-कभी खोटे सिक्के भी कोहिनूर के हीरे बन जाते है। समाज में रहकर अच्छे कर्म करने चाहिए। भगवान के पास हर चीज का लेखा -जोखा है मानव सेवा ही नारायण सेवा है ।यह अटल सत्य है।भगवान व शमशान को हर रोज याद करना चाहिए। किसी को दुखी नहीं करना चाहिए ।आज लोगों को लुटा जा रहा है,सताया जा रहा है गरीबों की बददुआ से लोहा भी भस्म हो जाता है इसलिए गरीबों को कभी नहीं सताना चाहिए। मानव को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए। कहते अपने ही काम आते है है। पैसा ही सब कुछ नहीं होता मगर आज रिश्ते तराजू पर तोले जाते है अगर कोई गरीब है तो उसके साथ भेदभाव किया जाता है।वक्त बदलते देर नही लगती इसलिए आदमी को अपना अतीत याद करते रहना चाहिए।ताकि विपतीयो का अहसास होता रहे।आज कुछ लोग विरासती सेठ बनते है बाप-दादा की कमाई अकूत धन-दौलत पर ऐश कर रहे है जब खुद कमाओगे तब पता चलेगा के मेहनत के बल पर कमाई दौलत पर कैसे ऐश होती है। ईश्वर की लाठी जब पडती है तो उसकी आवाज नहीं होती। ईश्वर इस धरा के कण -कण में विद्यमान है धन-दौलत,महल व आलीशान मकान सब यही धरा रह जाएगा। बुरा करोगे तो सजा जरुर मिलेगी। यह अटल सत्य है। मानव जीवन एक बार ही मिलता है मानव को ऐसे कार्य करने चाहिए कि जीवन यादगार बन जाए लोग जीवन से प्रेरणा ले। जबकि अमीर लोग नमक हराम होता है। अमीर आदमी तो यूज ऐंड थ्रो करता है। आज लोगों को अयाशीयां करने के लिए समय है मगर एक गरीब के लिए समय नहीं है। चंद स्वार्थों के लिए गरीबों का गला घोंटते है दूसरों के भविष्य से खिलवाड़ करते है। अहंकार में अंधे हुए यह लोग दूसरों को हर समय दबाने की फिराक में रहते है। जान-पहचान तो बड़े लोगों से है मगर किसी का अच्छा तक नहीं करवा सकते। समय-समय पर इन लोगों को सजा मिलती रहती है मगर अंहकार नहीं टूटता। रस्सी जल गई पर ऐंठ नहीं गई कहावत इन पर सटीक बैठती है। आज बुरे कर्माे के लिए समय है। आज लोग चरित्रहीन का साथ देते है जबकि एक ईमानदार को दरकिनार करते है। जीवन में हम अनेक सुख-दुख देखते है,परन्तु क्या हमने किसी और के लिए कुछ करने के बाद सच्चे सुख की अनुभूति की है दूसरों को अपनी सामथ्र्य के अनुसार दीजिए ,खासकर उन्हे जो अनेक चीजों से वंचित ही रहे या जिन्हे दुख के सिवाय कुछ भी नहीं मिला। आप महसूस करेगें कि परोपकार का काम करने के बाद आपके होंठों पर आई मुस्कराहट दुनिया भर की दौलत से भी मंहगी होगी। आधुनिक युग में जीवन मूल्यों में गिरावट समाज में विष घोल कुंठा उत्पन्न कर रही है तनिक लाभ के लिए लोग अपना जमीर बेच रहे हैं। आज अपने ही अपनों के दुश्मन बन गए है जर,जोरु,जमीन ही सर्वोपरी हो गया है।बच्चों के मन में बिष घोला जा रहा है। जीवन के कुछ अटल सत्य है कि रात के बाद दिन का उजाला जरुर होगा। सुर्य उदय के बाद अस्त होगा। जवानी के बाद बुढ़ापा भी सबको आएगा। आज लोग अपनी मन्नते पुरी होने पर बकरों की बलियां दे रहे है क्या बलियों के बगैर कोई विकल्प नहीं है सादा खाना भी बनाया जा सकता है मगर मानव खुशी में पागल है। लोहा लकड़ी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता अगर हथा लकड़ी का न हो। आज समय ऐसा आ गया है कि आप लोगों को जितना स्वादिष्ट खाना खिला दो मगर शराब न पिलाए तो कहते है कदर ही नहीं हुई।गरीबों का मजाक उड़ाया जाता है।गरीबों रिश्तेदारों के घर जाना अपनी तौहीन समझते है। अमीरी गरीबी का पता नहीं चलता राजा से रंक बनने में जरा देर नहीं लगती।खुदा की मार पड़ती है तो अर्श से फर्श में पहुंच जाते है।कुछ लोग इतने चतुर बनने की कोशिश करते है कि दोहरा चरित्र अपनाते है।ऐसे लोग ज्यादा दिन तक नहीं चल सकते क्योकि अति हर चीज की बुरी होती है। चालाकियां करने वाले लोग नजरों से गिर जाते है एक बार कोई नजर से गिर जाता है तो उससे विश्वास उठ जाता है। पापियों का हर युग में सर्वनाश हुआ है।बुरे कर्म करने वालों को उनके कर्मो की सजा जरुर मिलती है।जब ईश्वर की चक्की चलती है तो वह पाप व पापी को पीस कर रख देती है। आदमी को सादगी व उच्च विचारों मे विश्वास रखना चाहिए। जीवन एक बार मिलता है,बार-बार नहीं अतः प्रत्येक इन्सान की जितनी सहायता हो सके करनी चाहिए। मानव को सदा अच्छे कर्म करने चाहिए क्योकि अगर तुम अच्छा करोगे अच्छाई ही मिलेगी दुनिया युगों-युगों तक याद रखेगीं। अमर हो जाओगे। अगर तुम किसी का अच्छा नहीं कर सकते तो बुरा भी मत करो किसी को मत सताओ।पैसे से गुजरा हुआ समय खरीदना नामुमकिन है।आदमी को कभी भी किसी का निरादर नहीं करना चाहिए ,प्रत्येक मानव का आदर -सत्कार करना चाहिए। स्वाभिमान व चरित्र से बड़ा कोई आभूषण नहीं है अगर आपका चरित्र बेदाग है तो आप दुनिया के महान आदमी है अपनी महानता से आप जग को जीत सकते है। अपने स्वाभिमान का आस्तित्व बनाए रखें हर इन्सान का स्वाभिमान होता है उसे बनाए रखना चाहिए भले ही कितनी ही विपति आ जाए अपना स्वाभिमान बरकरार रखना चाहिए मानव को अपने स्वाभिमान के आंसू हर जगह नहीं बहाने चाहिए।बंद कमरे में अंासू बहा लो मन हल्का हो जाएगा। अपने स्वभिमान को मरने न दो रुखी-सूखी रोटी खा लेनी चाहिए। नमक से रोटी खाओ मगर किसी के आगे हाथ मत फैलाओ अगर एक बार हाथ फैला दिया तो सारी उम्र उनके कर्जदार हो जाओगें आज लोग ऐसे लोगों के पैर छूते है जिनके वे काबिल नहीं है चरित्रहीन लोगों के पांव छूने से परहेज करें। गरीब आदमी की जितनी सहायता हो सके करनी चाहिए क्योकि गरीब आदमी हमेशा याद रखता है कि बुरे समय में मेरी किसने सहायता की और किसने नहीं ,किसने गरीबी का मजाक उडा़या और किसने मजबूरी मे साथ दिया। गरीब आदमी विश्वासघात नहीं करता। आज कुछ लोग अपना अतीत भूल चुके है मगर अतीत की परछाईयां मरते दम तक साथ रहती है। समय बहुत ही बलवान है वक्त के थपेडों से कोई नहीं बच पाया है।इसलिए आदमी को नीच कर्मौ से बचना चाहिए और अच्छे कर्म करके समाज की सेवा कीजिये। ईएमएस / 28 नवम्बर 23