राष्ट्रीय
02-Dec-2023
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत और चीन ने संबंधों में तनाव घटाने के मकसद से फिर बात की है लेकिन इससे कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान पर गौर कर तब साफ दिखाता हैं कि दोनों पक्ष अपने अपने रुख पर अड़े हुए हैं। वहीं दूसरी ओर चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से दिया गया बयान भी दर्शा रहा है कि दोनों देशों के संबंधों पर बर्फ जमी हुई है। बता दें कि भारत और चीन ने शेष मुद्दों का समाधान करने और पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पूर्णत: पीछे हटाने के प्रस्तावों पर रचनात्मक कूटनीतिक वार्ता की है लेकिन इसमें कोई बड़ी सफलता प्राप्त होने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है। भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने स्थिति की समीक्षा की और शेष मुद्दों का समाधान करने एवं पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पूर्णत: पीछे हटाने संबंधी प्रस्तावों पर खुली, रचनात्मक और गहन चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, जमीन पर स्थिर स्थिति सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने की आवश्यकता पर सहमत हुए।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी रखने और उपरोक्त उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ कमांडरों की बैठक का अगला दौर जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए।’’ दूसरी ओर, चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इसकी फौज भारतीय सेना के साथ अपने संबंधों को महत्व देती है तथा पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बीच कोर कमांडर स्तर की 20 दौर की वार्ताओं से तनाव घटाने में मदद मिली है। चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वु छियान ने पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध पर एक सवाल का जवाब देकर कहा कि भारत-चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति स्थिर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेताओं के मार्गदर्शन के तहत, दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिये प्रभावी संवाद कायम रखा है तथा ‘वेस्टर्न सेक्टर’ में शेष मुद्दों का हल करने में क्रमिक प्रगति की है। कर्नल वु छियान ने कहा, ‘‘चीन, भारत-चीन सैन्य संबंध को महत्व देता है। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष परस्पर विश्वास बहाल करने, उपयुक्त तरीके से मतभेदों को दूर करने और सीमाओं पर शांति एवं स्थिरता के लक्ष्य पर पहुंचने के लिए हमारे साथ काम करेगा।’’ बता दें कि कोर कमांडर स्तर की पिछली वार्ता, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय सीमा की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर नौ-10 दिसंबर को हुई थी। हालांकि, कर्नल वु छियान ने अगले दौर की वार्ता के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘‘कोर कमांडर स्तर की अगली बैठक के लिए हम आने वाले समय में सूचना देने वाले हैं। बहरहाल, यहां सवाल उठता है कि चीन के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के प्रति जो प्यार और सम्मान के भाव का प्रदर्शन किया है वह कहीं ड्रैगन की कोई नई चाल तब नहीं है? आशीष/ईएमएस 02 दिसंबर 2023