जूनागढ़ (ईएमएस)| आगामी 5 मार्च से जूनागढ़ में महाशिवरात्रि के मेले का शुभारंभ होगा| चार दिन चलने वाले इस मेले को लेकर जोरदार तैयारियां की जा रही हैं| भवननाथ की तलहटी में होनेवाले मेले में आनेवाले श्रद्धालु गलती से प्लास्टिक की चीज वस्तुएं लेकर ना आएं, वर्ना उनके खिलाफ दंडनीय कार्यवाही हो सकती है| गौरतलब है जूनागढ़ के गिरनार पर्वत श्रृंखला की तलहटी में भवनाथ महादेव का मंदिर है, जहां स्वयंभू शिवलिंग है| मंदिर के पास मृगी कुंड है, जिसमें स्नान करने का बहुत महत्व है| यह कुंड साल में 4 घंटे कि ले खुलता है| यहां अयोध्या और वृंदावन की तरह भक्त 36 किलोमीटर की गिरनार परिक्रमा करते हैं| जूनागढ़ का विश्व प्रसिद्ध महाशिवरात्रि मेला 5 मार्च को प्रारंभ होकर 8 मार्च तक चलेगा। जिसमें लाखों लोग आएंगे| आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व के प्रसिद्ध महाशिवरात्रि मेले का विधिवत उद्घाटन 5 मार्च को होगा, मेला 8 मार्च तक चलेगा| इस बार भवनाथ मेले में लाखों लोगों के उमड़ने की संभावना है| मेले को लेकर प्रशासनिक तंत्र भी कमर कस चुका है| सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उचित व्यवस्था और सुविधाएं की गई हैं। जूनागढ़ जिला प्रशासन ने महाशिवरात्रि मेले में आने वाले लोगों से प्रतिबंधित प्लास्टिक की वस्तुएं न लाने का अनुरोध किया है| इस संबंध में उप वन संरक्षक अक्षय जोशी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अनुसार प्लास्टिक पर प्रतिबंध का प्रावधान है। जिसके कार्यान्वयन के लिए 3 स्टेशन टीमें और 3 मोबाइल टीमें गठित की गई हैं| स्टेशन टीमें गिरनार पर्वत की नई और पुरानी सीढ़ियों के अलावा दातार के प्रवेश द्वार पर काम कर रही हैं और प्लास्टिक को गिरनार में जाने से रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रही हैं| प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए 3 मोबाइल टीमें काम करेंगी| इन 3 मोबाइल टीमों में वन विभाग, पुलिस, नगर निगम और पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। यह टीम महाशिवरात्रि मेला सहित क्षेत्र का दौरा कर प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगी| इसके अलावा इस कानून को लागू करने में सहयोग न करने पर जुर्माने समेत सख्त कार्रवाई की जाएगी| गिरनार अभयारण्य के अलावा, भवनाथ तलहटी सहित पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 27 गांवों में प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। गिरनार सीडी पर हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती भाषा के अलावा चूंकि सविशेष दत्तात्रेय भगवान के दर्शन के लिए महाराष्ट्र से श्रद्धालु आते हैं, इसलिए मराठी में भी साइन बोर्ड बैनर लगाए गए हैं और करीब 250 कूड़ेदान रखे गए हैं| अभियान को योजनाबद्ध तरीके से संचालित करने के लिए प्रांतीय अधिकारी, उप जिला विकास अधिकारी, उपायुक्त और एसीएफ की 1 समिति का गठन किया गया है। प्लास्टिक से प्रकृति और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए रैलियां, विभिन्न प्रतियोगिताएं, प्रकृति शिक्षा शिविर आयोजित किए जाएंगे। साथ ही बैनर, होर्डिंग, भीतसूत्र के माध्यम से जागरूकता के लिए आवश्यक उपाय किये जायेंगे| सतीश/29 फरवरी