ज़रा हटके
27-Mar-2024
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-ताजा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने किया यह दावा लंदन (ईएमएस)। इंसान अक्सर जंगली और घरेलू जानवरों में वायरस फैलाते हैं, जिससे उनमें बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। यह दावा किया है वैज्ञानिकों ने ताजा अध्ययन में। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने वायरल जीनोम का विश्लेषण किया जिससे पता चला कि मनुष्यों को कभी भी वायरस फैलाने का स्रोत नहीं माना गया है। मानव-से-पशु में वायरस के फैलने पर बहुत कम ध्यान दिया गया है। यूसीएल के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट और फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के डॉक्टरेट छात्र, प्रमुख लेखक सेड्रिक टैन ने कहा, “जब जानवर इंसानों से वायरस पकड़ते हैं, तो यह न केवल जानवरों को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि पूरी प्रजाति के लिए संरक्षण का खतरा पैदा कर सकता है। बल्कि इसे रोकने के लिए बड़ी संख्या में पशुओं को मारने की आवश्यकता होती है।”“इसके अलावा, यदि मनुष्यों से लाया गया कोई वायरस किसी नई पशु प्रजाति को संक्रमित करता है, तो मनुष्यों के बीच ख़त्म होने के बाद भी यह पनपता रह सकता है। अध्ययन के लिए, टीम ने लगभग 12 मिलियन वायरल जीनोम का विश्लेषण किया।यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के सह-लेखक प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने कहा, मनुष्यों से जानवरों में वायरस का फैलना संक्रमण का एक तरीका है, इसके अलावा और भी तरीके हैं।शोधकर्ताओं ने पाया कि “इंसानों से जानवर में फैलने वाला वायरस लगभग दोगुने से अधिक है। यह पैटर्न अधिकांश वायरल परिवारों में सुसंगत था। सुदामा/ईएमएस 27 मार्च 2024