राज्य
28-Mar-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। देश की राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली बच्चों की मौत को लेकर चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। दिल्ली सरकार के तीन प्रमुख अस्पतालों में बीते साढ़े छह साल में औसतन हर दो दिन में पांच बच्चों ने दम तोड़ा। यानी इस अवधि में कुल 6204 नवजातों की मौत हुई। यह जानकारी जीटीबी के अलावा लाल बहादुर शास्त्री (एलबीएस) अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल ने ‘ सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अलग-अलग आवेदनों के जवाब में उपलब्ध कराई है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों से अपने आवेदनों में जानकारी मांगी थी कि जनवरी 2017 से जुलाई 2023 के बीच कितने बच्चों का जन्म हुआ और कितने बच्चों की मौत हुई। मृत्यु के कारण क्या थे? तीन में से दो अस्पतालों ने सिर्फ शिशुओं के जन्म और मृत्यु का आंकड़ा उपलब्ध कराया है। एक अस्पताल ने मौत का कारण भी बताया है। दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भी आरटीआई के तहत आवेदन दायर कर बच्चों की मृत्यु की जानकारी मांगी गई थी, लेकिन अस्पताल ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्देश के बावजूद अब तक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। हालांकि, अस्पताल ने जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या जरूर उपलब्ध कराई है।आरटीआई के जरिए मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया है कि जीटीबी, एलबीएस और डीडीयू अस्पतालों में 79 महीने की अवधि के दौरान कुल 6204 नवजातों की मौत हुई। जबकि इस दौरान इन अस्पतालों में 2,11,517 बच्चों का जन्म हुआ। आरटीआई के मुताबिक इन तीनों अस्पतालों में हर महीने करीब 78 बच्चों की मौत हुई। यानी हर दो दिन में पांच बच्चों की जान इन अस्पतालों में चली गई। यह एक हजार शिशुओं के जन्म पर 29.3 का औसत है। जबकि दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में शिशु मृत्यु दर 2022 में 23.82 थी और 2021 में 23.60 थी। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली/ ईएमएस/28/ मार्च /2024