ज़रा हटके
02-Apr-2024
...


-तनाव की शुरुआती स्थिति पता लगाने का तरीका मिला नई दिल्ली (ईएमएस)। वैज्ञानिकों को तनाव की शुरुआती स्थिति पता लगाने का अनोखा तरीका मिल गया है। उन्होंने पाया है कि खास तौर पर प्रशिक्षित किए गए कुत्ते इंसान की सांस को ही सूंघ कर उसके तनाव को पहचान कर सकते हैं। वैज्ञानिक अब कोशिश करेंगे कि बुजुर्गों के साथ रहने वाले कुत्तों को खास तौर से इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए जिससे वे अपने साथ के तनाव की पहचान समय से कर उनकी मदद कर सकें। पोस्ट ट्रूमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर (पीटीएसडी) के लक्षणों के साथ संघर्ष कर रहों को अब कुत्तों की इस क्षमता की सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। डलहौजी यूनिवर्सिटी की लारा किरोजा की अगुआई में हुए अध्ययन में डॉ शेरी स्टेवर्टी की क्लीनिकल साइकोलॉजी लैब और गैडबोइस की कैनाइन ऑल्फैक्शन लैब के विशेषज्ञता का भी फायदा लिया। इसमें यह पड़ताल की गई कि क्या कुत्ते उन वाष्पशील जैविक पदार्थ को सूंघना सीख सकते हैं जो पीटीएसडी से संबंधित हैं? किरोजा का कहना है कि कुत्तों को तनाव के दौरान लोगों को मदद करने के लिए पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कुत्ते बर्ताव और भौतिक संकेतों की प्रति क्रिया करना सीख रहे थे। यह अध्ययन दर्शाता है कि कुछ कुत्ते सांस सूंघ कर भी तनाव का पता कर सकते हैं। इसमें 26 मानवीय प्रतिभागियों को शामिल किया गया जिसमें से 54 फीसदी में पीटीएसडी तनाव का स्तर था। इसमें प्रतिभागियों ने फेसमास्क पहने हुए अपनी सांस के नमूने दिए जिनमें से एक में शांत अवस्था में तो एक मास्क में अपने बहुत अधिक तनाव के अनुभव को याद करते हुए मास्क पहन कर नमूना दिया।अध्ययन में 25 प्रशिक्षित कुत्तों में से दो सबसे बढ़िया नतीजे देने वालों के चुना गया था। इन दोनों कुत्तों ने तनाव और गैर तनाव वाली सांस के नमूनों को अंतर करने में 90 फीसदी कारगरता दिखाई। जहां ईवी नाम कुत्ते ने 74 फीसदी तो वहीं कैली नाम के कुत्ते ने 81 फीसदी नतीजा दिया। सुदामा/ईएमएस 02 अप्रैल 2024