अंतर्राष्ट्रीय
18-Apr-2024
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-एलियन की खोज में एक नई योजना हो रही तैयार वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस साल अक्टूबर में ‘बृहस्पति’ ग्रह के बर्फीले चांद ‘यूरोपा’ पर अपना क्लिपर अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी में है। अंतरिक्ष यान साल 2031 में वहां लैंड करेगा। माना जा रहा है कि यूरोपा पर धरती जैसा वातावरण हो सकता है और वहां जीवन भी संभव हो। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘नासा जिन मूलभूत प्रश्नों को समझना चाहता है उनमें से एक यह है कि क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?’ इसकी जानकारी इस मिशन के साइटिस्ट बॉब पप्पालार्डो ने जानकारी दी। यूरोपा पर जीवन के लिए स्थितियां ढूंढनी हैं, तो इससे यह भी पता चल सकता है कि पूरे ब्रह्मांड में जीवन कितना सामान्य हो सकता है। इस मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को 5 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा। यह अंतरिक्ष यान वर्तमान में कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में एक “क्लिन” रूम में रखा गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एजेंसी को यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पृथ्वी के किसी भी जीवन के हिस्से को यूरोपा तक ले जाने से बचाने के लिए इसे “क्लिन” रूम में रखा गया है। क्लिपर को अक्टूबर में एलोन मस्क के स्पेसएक्स से फाल्कन भारी रॉकेट पर लॉन्च किया जाएगा। उसे बृहस्पति तक पहुंचने में पांच साल से अधिक समय लगेगा। अपनी इस यात्रा के दौरान वह मंगल ग्रह से होकर भी गुजरेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपा जमे हुए पानी यानी बर्फ से ढका हुआ है। साइंचिस्ट ने बताया, ‘हमारे पास कैमरे, और स्पेक्ट्रोमीटर, एक मैग्नेटोमीटर और एक रडार है जो वहां के बर्फ में सीधा घुस सकते हैं। उसके सतह से ‘पानी’ बाहर निकालेगा और साथ ही सतह पर वापस आकर हमें बताएगा कि बर्फ कितनी मोटी है और तरल पानी कहां स्थित है।’ मिशन प्रबंधक ने बताया कि क्या चंद्रमा पर ऐसी स्थितियां हैं, जो जीवन का समर्थन कर सकती हैं। यह लगभग पृथ्वी के चंद्रमा के आकार का है। इसके सतह के अंदर महासागर भी है, जो ज्वारीय बलों से पनपी गर्मी और ऊर्जा वहां पर सूक्ष्मजीवों के जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियां बनाती हैं। यूरोपा क्लिपर मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर जॉर्डन इवांस ने अगर हमें वहां पर जीवन के संकेत मिल जाते हैं तो यह संभव हो जाएगी कि हमारो सौरमंडल से काफी दूर अंतरिक्ष में भी असंख्य जीवन हो सकते हैं और हम अंतरिक्ष में अकेले नहीं रह जाएंगें।’ यूरोपा पर वातावरण काफी चुनौतीपूर्ण है, जो खोज में बाधाएं पैदा कर सकता है। तीव्र रेडिएशन यान के उपकरणों के खराब होने की संभावना रहती है। सुदामा/ईएमएस 18 अप्रैल 2024