अंतर्राष्ट्रीय
15-May-2024
...


इस्लामाबाद(ईएमएस)। इस वक्त पाकिस्तान सरकार की चौतरफा मुसीबतें बढ़ रहीं है। महंगाई और बदहाली से मुक्ति मिलती इससे पहले यहां होने जा रहे आंदोलन ने पाकिस्तान सरकार की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। माना जा रहा है कि यह आंदोलन बहुत बड़ा होगा और इसमें करीब एक करोड़ लोग शामिल होंगे। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने चेतावनी दी है कि करोड़ों लोग आंदोलन में भाग लेंगे। फजलुर रहमान ने पाकिस्तान में संसद के घटते महत्व पर आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। रिपोर्ट के अनुसार, जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और संविधान लागू नहीं किया जा रहा है। जामिया उबैदिया में मीडिया को संबोधित करते हुए जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने देश में संविधान की अनदेखी पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि 1 जून को मुजफ्फरगढ़ से मिलियन मार्च शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आपत्ति होती है उनके पास कोई विकल्प ही नहीं है कि वे क्या करें। रिपोर्ट के अनुसार, रहमान ने कहा, संसद ने अपना महत्व खो दिया है, हम (जेयूआई-एफ) एक आंदोलन शुरू कर रहे हैं जिसमें जनता की प्रतिक्रिया अपेक्षा से अधिक है।उन्होंने 9 मई की हिंसा को याद करते हुए कहा कि अगर राजनीतिक अस्थिरता जारी रही तो व्यवस्था नष्ट हो जाएगी। रहमान ने कहा, हमें (जेयूआई-एफ) 9 मई के दंगों के संबंध में भी आपत्ति है, लेकिन अगर यह स्थिति (राजनीतिक अस्थिरता) बनी रही, तो सिस्टम पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा। गौरतलब है कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने कहा था कि पाकिस्तान के आम चुनावों में धांधली हुई है। उन्होंने गठबंधन सरकार को समर्थन देने से इनकार किया था।रिपोर्ट के अनुसार, फजलुर रहमान ने राजनेताओं से चुनावों से जुड़े विवादों पर बात करने आग्रह किया और संस्थागत सुधारों की वकालत की। उन्होंने इसके साथ ही चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते रहमान ने एक बार फिर आम चुनावों के नतीजों को खारिज कर दिया और व्यापक धांधली और अनियमितताओं का हवाला देते हुए नए चुनावों का आह्वान किया। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 15 मई 2024