07-Jul-2024
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:: नीलवर्णा पार्श्वनाथ मूर्तिपूजक नवयुवक मंडल सहित अनेक श्रीसंघों के पदाधिकारियों व समाज बंधुओं ने की आचार्यश्री की ससंघ अगवानी :: :: आदिवासी नृत्य मंडली ने मोहा-मन, मार्गों पर सजी रंगोली, महिला मंडलों ने दी भजनों की प्रस्तुति :: :: रंगोली से बनी आचार्य विजय कुलबोधि सूरीश्वर की प्रतिकृति ने सभी का मन मोहा :: :: समग्र जैन समाज बंधुओं के बीच चर्चा का विषय बनी रंगोली, कलाकारों की प्रशंसा भी की :: :: भारत वर्ष के 80 श्रीसंघों के पदाधिकारी हुए मंगल प्रवेश जुलूस में शामिल :: इन्दौर (ईएमएस)। आचार्य विजय कुलबोधि सूरीश्वर म.सा. का भव्य चातुर्मासिक मंगल प्रवेश जुलूस आज सुबह गाजे-बाजे व लाव-लश्कर के साथ मेहता निवास कंचनबाग से बीसीएम प्राईड कंचनबाग तक निकाला गया। जुलूस में आचार्यश्री के साथ 10 साधु-साध्वी भगवंत के साथ-साथ अनेक श्रीसंघों के पदाधिकारी, नवयुवक मंडल व महिला मंडल भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। मेहता निवास से जैसे ही आचार्यश्री का मंगल प्रवेश जुलूस निकला वहां उपस्थित सभी समाज बंधुओं ने गुरूवर हमारे आएं हैं नई रोशनी लाएं हैं के उद्घोष से आसमान गुंजायमान कर दिया। जैसे-जैसे मंगल प्रवेश जुलूस आगे बड़ा वैसे-वैसे हजार समाज बंधु आचार्यश्री के इस जुलूस से जुड़ते चले गए। नीलवर्णा पार्श्वनाथ मूर्तिपूजक ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति संयोजक कल्पक गांधी, अध्यक्ष विजय मेहता एवं अनिल रांका ने बताया कि मंगल प्रवेश जुलूस के अग्र भाग में जहां बैंड़-बाजों के स्वरलहरियों के बीच युवा नाचते-झूमते शामिल हो तो वहीं मध्यभाग में महिला मंडल भी भजनों की प्रस्तुति देते हुए मार्ग में चल रही थी। जुलूस के मार्ग में आदिवासी नृत्य मंडली ने भी अपनी प्रस्तुति से सभी का ध्यानाकर्षण किया तो वहीं कर्नाटक की कत्थकली मण्डल ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। चातुर्मासिक मंगल प्रवेश जुलूस में 11 घोड़े, पंजाबी डासिंग ऊंट, लवाजमा पार्टी, मयूर नृत्य मंडली, विंटेज कार, 5 बग्घी, राजकमल बैंड सहित चलित मण्डप भी था। आचार्यश्री की अगवानी के लिए श्रीसंघ ने संपूर्ण मार्ग में रंगोली के साथ ही वंदनवार से सजावट की थी। मेहता निवास से प्रारंभ आचार्यश्री का मंगल प्रवेश जुलूस विभिन्न मार्गों से होता हुआ बीसीएम प्राईड कंचनबाग पहुंचा जहां इस जुलूस का समापन हुआ। समापन के पश्चात आचार्यश्री ने प्रवचनों की अमृत वर्षा भीकी। प्रवचन के पश्चात चातुर्मास प्रवेश व स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी लूणकरण कुंदनमल मेहता एवं पांडाल के लाभार्थी राजेश-किशोर चेलावत का श्रीसंघ की ओर से बहुमान भी किया गया। मंगल प्रवेश जुलूस के दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, आकाश विजयवर्गीय, पार्षद पंखूड़ी डोसी, कांतिलाल बम, दीपक जैन विमल नाहर, रूपेश शाह, धीरू शाह, मनीष सुराणा, ललित सी जैन, पुण्यपाल सुराणा, कैलाश नाहर, शेखर गेलड़ा, हंसराज जैन, यशवंत जैन, प्रकाश भटेवरा, संजय लुनिया, प्रकाश वोहरा, जिनेन्द्र मानावत, अतुल शाह, दिलीप सेक्रेट्री, आशीष शाह सहित इन्दौर व भारत वर्ष के 80 श्रीसंघों के पदाधिकारी इस भव्य चातुर्मास प्रवेश जुलूस में शामिल हुए थे। :: हमें भगवान के पास ले जाने का अवसर है चातुर्मास : आचार्य विजय कुलबोधि सूरीश्वर कंचनबाग बीसीएम प्राईड में श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते आचार्य विजय कुलबोधि सूरीश्वर मसा ने कहा कि जिस प्रकार घड़े में पानी भरना है तो घड़े को नल के पास ले जाया जाता है नल घड़े के पास नहीं जाता ठीक उसी प्रकार एक स्थान पर विराजे संत के पास धर्म की देशना पाने के लिए जाया जाए। यही जैन धर्म के मंगल का अवसर है चातुर्मास। दुनिया में लगभग चार सौ धर्म हैं। सनातन और जैन धर्म की परंपरा में चातुर्मास का विशेष महत्व है। चातुर्मास केवल चार महीनों की अवधि नहीं होती बल्कि यह जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। चातुर्मास हमें भगवान के पास लें जाने का अवसर होता है। इस समय ईश्वर का गुणगान और ध्यान करने से जीवन में नई उर्जा का संचार होता है। उन्होंने प्रवचनों में कहा कि मैं प्रभु का हूँ प्रभु मेरे हैं यही भावना को जीवन में चरितार्थ करने के लिए चातुर्मास होता है। इस दौरान संतों के मुख से केवल धर्म देशना सुन उनका पालन करना चाहिए। नगर में संत का आगमन भाग्य, घर आए तो सौभाग्य, उनके वचन सुनने को मिले तो अहोभाग्य और अगर ये अवसर ना मिले तो दुर्भाग्य ही कहा जाएगा। हम सारे संसार को अपना कहते हैं लेकिन कभी प्रभु से नहीं कहते कि प्रभु आप मेरे और मैं आपका। इन चार माहों में हमें भगवान और मंदिर के प्रति अपनत्व का भाव जगाना है। :: रंगोली से बनी आचार्यश्री की प्रतिकृति ने मोहा मन :: चातुर्मास समिति संयोजक कल्पक गांधी ने बताया कि कंचनबाग बीसीएम प्राईड में मंगल प्रवेश जुलूस के पश्चात आचार्यश्री ने प्रवचनों की अमृत वर्षा की। चातुर्मास निमित्त यहां 15,000 स्के फीट का भव्य पांडाल बनाया गया है जिसमें आचार्यश्री का चातुर्मास संपन्न होगा। आचार्यश्री प्रतिदिन सुबह 9.15 से 10.15 तक प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। चातुर्मास मंगल प्रवेश जुलूस के दौरान पांडाल में कलाकारों द्वारा आचार्यश्री की रंगोली से बनाई गई मनमोहन प्रतिकृति ने सभी समाज बंधुओं का मन मोह लिया। पांडाल में बनाई गई इस रंगोली की चर्चा प्रवचनों के समापन के पश्चात भी जारी रही। उमेश/पीएम/7 जुलाई 2024