लंदन (ईएमएस)। ब्रिटेन के कैंब्रिज में पारा 12 अगस्त 2024 को 34.8 डिग्री सेल्सियस था। इस साल का सबसे अधिक तापमान। पिछले साल जुलाई में पारा अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। इसके पहले 2022 में 40.3 डिग्री सेल्सियस था। ब्रिटेन के साउथपोर्ट में समंदर ही पीछे खिसक गया है। लोग बीच पर मौजूद हैं, लेकिन समंदर की लहरों का मजा नहीं ले पा रहे हैं। मौसम विभाग ने कहा कि 1961 के बाद से यह 11वां साल है, जब इतना ज्यादा तापमान पहुंचा है। ब्रिटेन और यूरोप वालों को इतनी गर्मी की आदत नहीं है। इनके लिए यह हीटवेव है। अस्पतालों में गर्मी से संबंधित समस्याएं, बीमारियां और दिक्कतें लेकर लोग आ रहे हैं। पिछली साल यूरोप ने भयानक गर्मी बर्दाश्त की। इस दौरान पूरे यूरोप में कुल 47 हजार लोगों की मौत हुई। बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ ने इसका खुलासा किया है। यूरोप का दक्षिणी हिस्सा पिछले साल सबसे ज्यादा गर्मी से प्रभावित था। पिछला साल दुनिया के इतिहास का सबसे गर्म साल था। शोध में वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि गर्मी की वजह से करीब 60 हजार लोग मारे जाएंगे। आकंड़ा करीब पहुंच ही गया था। जो मौतें हुईं हैं, उनमें से ज्यादातर लोग बेघर थे। पिछले 20 वर्षों से यूरोप के लोग बढ़ते तापमान के साथ रहने की कोशिश कर रहे हैं। अर्ली वॉर्निंग सिस्टम सुधर रहा है लेकिन गर्मी हैं कि कम नहीं हो रही है। अस्पतालों के आंकड़ों से पता चला कि पिछले साल गर्मी और हीटवेव से संबंधित 47,690 मौतें दर्ज की गई हैं। सबसे ज्यादा मौतें ग्रीस, बुल्गारिया, इटली और स्पेन में हुई। क्योंकि वहां पर गर्मी का असर पिछली साल बहुत ज्यादा था। आशीष/ईएमएस 14 अगस्त 2024