मुम्बई (ईएमएस)। भारतीय टीम के पास महेन्द्र सिंह धोनी से लेकर नयन मोंगिया और सबा करीम जैसे विकेटकीर रहे हैं। इसके बाद भी किरण मोरे जैसा एक रिकार्ड कोई नहीं बना पाया। विकेटकीपर मोरे ने एक मैच में विरोधी टीम के आधे खिलाड़ियों को स्टंपिंग कर पेवेलियन भेज दिया था। ये बात साल 1988 की है। उस समय कप्तानी में वेस्टइंडीज टीम भारत दौरे पर थी और 3 मैच के बाद 1-0 की बढ़त बनाए हुए थी। सीरीज का चौथा और आखिरी टेस्ट मैच चेन्नई में खेला गया, इसी में मोरे ने विकेटकीपिंग का विश्वक रिकॉर्ड बनाया था। तब भारत के 382 रन के जवाब में वेस्टइंडीज की पहली पारी में 184 रन पर आउट हो गयी थी। इसके बाद भारत ने अपनी दूसरी पारी 7 विकेट पर 217 रन बनाकर घोषित की। इस तरह वेस्टइंडीज को 416 रन का लक्ष्य मिला। वहीं वेस्टइंडीज की टीम केवल 160 रन पर सिमट गयी थी। इस मैच में मोरे ने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में पांच बल्लबाजों को स्टंप आउट किया था। उन्होंने चार स्टंपिंग स्पिनर नरेन्द्र हिरवानी की गेंद पर की और एक डब्ल्यूवी रमन की गेंद पर की थी।. यह क्रिकेट इतिहास में पहला मौका था जब किस टीम के 5 बैटर बल्लेबाज स्टंप आउट हुए थे। आज तक कोई भी विकेटकीपर, मोरे की उपलब्धि की बराबरी भी नहीं कर सका है जबकि मोरे के बाद धोनी से लेकर नयन मोंगिया और सबा करीम जैसे विकेटकीपर आये। इस प्रकार एक पारी में 5 स्टंपिंग और एक मैच में 6 स्टंपिंग का किरण मोरे का रिकॉर्ड आज भी बरकरार है। धोनी और ऋषभ पंत एक पारी में 2 से ज्यादा स्टंपिंग नहीं कर सके हैं। वहीं पीके सेन ने 1952 में एक पारी में 4 स्टंपिग किए थे। मोरे ने भारत के लिए 49 टेस्ट और 94 वनडे मैच खेले. उन्होंने 64 टेस्ट पारियों में 1285 रन और 65 वनडे पारियों में 563 रन बनाए. टेस्ट मैचों में उनके नाम 110 कैच और 20 स्टंपिंग दर्ज हैं. उन्होंने वनडे में 63 कैच लपके और 27 स्टंपिंग किए। गिरजा/ ईएमएस 05 सितंबर 2024