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19-Dec-2025
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ढाका(ईएमएस)। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गुरुवार देर रात भयानक हिंसा भड़क उठी। 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत की खबर आने के बाद भीड़ ने कई जगह आगजनी की। ढाका में कई जगहों पर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। धानमंडी-32 इलाके में भी उस्मान हादी की मौत के बाद एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। यह इलाका देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के पैतृक घर के लिए जाना जाता है। गुरुवार रात बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए, हालात तनावपूर्ण हो गए। फेसबुक पर बंगाली भाषा का दैनिक समाचार पत्र ने इस प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें अल्लाहू अकबर चीखते हुए प्रदर्शनकारी आगजनी कर रहे हैं। इन प्रदर्शन के दौरान कई लोगों ने देश की खराब हालत और शेख हसीना को लेकर यूनुस की क्लास भी लगाई है। प्रदर्शनकारियों ने देश के दो प्रमुख अखबारों के दफ्तरों पर हमला किया। अंग्रेजी अखबार द डेली स्टार के कार्यालय पर भीड़ के हमले के बाद करीब चार घंटे तक अंदर फंसे रहे कम से कम 25 पत्रकारों को आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाला गया। रिपोर्ट के मुताबिक, गुस्साई भीड़ ने शुक्रवार आधी रात अखबरों के कार्यालय पर धावा बोला। इससे पहले भीड़ ने बंगाली भाषा के प्रमुख दैनिक कार्यालय को निशाना बनाया था। नारेबाजी करते हुए पहुंची भीड़ ने पहले तोड़फोड़ की और फिर उसे आग के हवाले कर दिया। एक अन्य अखबार के दफ्तर में हमलावरों ने पहले ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल में भारी तोड़फोड़ की। इसके बाद करीब 12:30 बजे आग लगा दी गई। आग तेजी से फैल गई और देखते ही देखते दो मंजिलें इसकी चपेट में आ गईं। आग से उठते घने धुएं का गुबार दूर तक दिखाई देने लगा। अखबार के पत्रकारों ने बताया कि दमकल विभाग की गाड़ियां काफी देर तक मौके पर नहीं पहुंच सकीं, क्योंकि भीड़ ने रास्ता रोक रखा था। आग और धुएं के बीच फंसे पत्रकारों ने जान बचाने के लिए पूरी रात छत पर शरण ली। वे फोन कॉल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मदद की गुहार लगाते रहे। एक महिला रिपोर्टर ने अंदर से संदेश भेजते हुए लिखा- मैं अब सांस नहीं ले पा रही हूं। बहुत ज्यादा धुआं है। मैं अंदर फंसी हूं। आप मुझे मार रहे हैं। करीब 2 बजे दमकलकर्मी आग पर काबू पाने में सफल हुए। हालांकि, आग बुझने के बाद भी पत्रकारों को तुरंत बाहर नहीं निकाला जा सका, क्योंकि भीड़ ने दोबारा इमारत में घुसपैठ कर दी। सेना की तैनाती, सुबह 4 बजे हुआ रेस्क्यू स्थिति बेकाबू होते देख सेना को तैनात किया गया। सुबह करीब 4 बजे सैनिकों की निगरानी में पत्रकारों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दौरान भीड़ से बातचीत करने पहुंचे पत्रकारों पर भी हमला किया गया। यह हिंसा ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने देशवासियों से शांति और संयम बरतने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि नागरिक कानून-व्यवस्था बनाए रखें और जांच एजेंसियों को पेशेवर तरीके से काम करने दें। अखबारों पर क्यों गुस्सा? प्रदर्शनकारियों ने इन अखबारों पर भारत-समर्थक और शेख हसीना के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया। हसीना 2024 के छात्र आंदोलन के बाद भारत में शरण लिए हुए हैं। हादी खुद भारत और हसीना के कट्टर आलोचक थे और आगामी चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने वाले थे। वीरेंद्र/ईएमएस/19दिसंबर2025