क्षेत्रीय
01-Oct-2024
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इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इन्दौर खंडपीठ में जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने इक्कीस साल पुराने ट्रायल कोर्ट के निर्णय को रद्द करते हुए रिश्वत के आरोपी हाउसिंग बोर्ड के एक डिप्टी कमिश्नर सत्येंद्रकुमार जैन को बरी कर दिया। हाउसिंग बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर सत्येंद्रकुमार जैन को 1999 में लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते पकड़ा था और 2003 में ट्रायल कोर्ट से उसे प्रकरण में सजा सुनाई थी जिसे 21 साल बाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। प्रकरण कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि लोकायुक्त पुलिस को फरियादी प्रीतम सहगल ने शिकायत की थी कि उसके द्वारा एमपी स्टेट हाउसिंग कॉर्पोरेशन इंदौर में किए गए निर्माण कार्य के मंजूर बिल भुगतान हेतु हाउसिंग बोर्ड के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर सत्येंद्रकुमार जैन द्वारा 10 हजार रुपए रिश्वत की मांगी जा रही है। शिकायत पर जांच के बाद ट्रेप कार्रवाई करते लोकायुक्त की टीम ने 4 नवंबर 1999 को आरोपी सत्येंद्रकुमार जैन को उसके ऑफिस में रिश्वत लेने के आरोप में रंगेहाथों पकड़ चालान कोर्ट में पेश किया था। ट्रायल कोर्ट ने 31 मार्च 2003 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में सत्येंद्रकुमार जैन को दोषी करार देते 3 साल के कारावास और 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सत्येंद्रकुमार जैन ने 2003 में ही हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर कर दी थी। जिस पर सुनवाई बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय को रद्द करते हुए आरोपी को बरी कर दिया। आनन्द पुरोहित/ 01 अक्टूबर 2024