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14-Nov-2024


-बैरिकेड तोड़ आयोग के दफ्तर में घुसे छात्र, पुलिस से हुआ टकराव प्रयागराज,(ईएमएस)। यूपी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ परीक्षाओं को दो दिन में कराने के फैसले के खिलाफ प्रयागराज में छात्रों का आंदोलन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने अपनी बात आयोग तक पहुंचाने के लिए आयोग के दफ्तर पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने बैरिकेड्स लगाए थे, लेकिन छात्र उन्हें तोड़ते हुए आयोग के मुख्यालय तक पहुंच गए। चौथे दिन सुबह से ही छात्र आयोग के बाहर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। विगत दिनों शुरू हुए इस प्रदर्शन में छात्रों ने आयोग के बाहर रात-रात भर डटे रहे। कई छात्रों ने रात सड़कों पर ही गुजारी। पुलिस और छात्रों के बीच टकराव की स्थिति तब बनी जब पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने की कोशिश की, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मी प्रदर्शन करने वाले कुछ छात्रों को घसीटते हुए ले गए। इससे पहले बुधवार शाम को भी पुलिस ने 11 छात्रों को हिरासत में लिया था। वे सभी कोचिंग की लाइब्रेरी को बंद करा रहे थे। एक तरफ पुलिस एक्शन में है तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में छात्र धरना दे रहे हैं। प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर आरो-एआरओ और पीसीएस परीक्षा के सैकड़ों प्रतियोगी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों की मुख्य मांग है कि आयोग वन डे-वन शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करे और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को खत्म करे। इस बीच बड़ी खबर यह है कि लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने जबरन हटाया है। पुलिस कार्रवाई के दौरान अफरातफरी का माहौल बन गया और छात्रों को वहां से हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। छात्रों ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए अपनी मांगों पर डटे रहने की बात कही है। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया उनके लिए अनुचित है और इससे उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों के कारण उनकी रैंकिंग और चयन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उनका मानना है कि सभी अभ्यर्थियों के लिए एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराई जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग 7 और 8 दिसंबर को आरो-एआरओ की 411 पदों पर परीक्षा 41 जिलों में आयोजित कर रहा है, जबकि इसे सभी 75 जिलों में एक ही दिन एक शिफ्ट में आयोजित किया जाना चाहिए। छात्रों की मांग है कि एक बार जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो परीक्षा के नियमों में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी परीक्षा के नियमों में बदलाव केवल प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही किया जा सकता है। सिराज/ईएमएस 14नवंबर24