ज़रा हटके
28-Nov-2024
...


न्यूयॉर्क (ईएमएस)। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क के नए हिस्सों का पता लगाया है। मस्तिष्क का यह नया हिस्सा सामाजिक संपर्कों (सोशल इंटरैक्शन) में मदद करता हैं। वैज्ञानिकों की यह ताजा खोज मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। इस महत्वपूर्ण खोज से चिंता (एंग्जायटी) और अवसाद (डिप्रेशन) जैसी मानसिक बीमारियों के इलाज के नए रास्ते खुल सकते हैं। यह अध्ययन अमेरिका के शिकागो स्थित नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क का सोशल कॉग्निटिव नेटवर्क, जो हमें दूसरों के विचार और भावनाएं समझने में मदद करता है, मस्तिष्क के पुराने हिस्से एमिग्डाला से जुड़ा हुआ है। एमिग्डाला को लिजर्ड ब्रेन भी कहा जाता है और यह डर और खतरों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययन के वरिष्ठ लेखक रोड्रिगो ब्रागा ने कहा, यह नेटवर्क हमें यह सोचने में सक्षम बनाता है कि दूसरा व्यक्ति क्या सोच रहा है या महसूस कर रहा है।ब्रागा के अनुसार, यह प्रक्रिया मानव मस्तिष्क में हाल ही में विकसित हुई है। एमिग्डाला और सोशल कॉग्निटिव नेटवर्क के बीच निरंतर संचार सामाजिक व्यवहारों, जैसे पालन-पोषण, आक्रामकता और सामाजिक पदानुक्रम को समझने में मदद करता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि एमिग्डाला का मेडियल न्यूक्लियस नामक हिस्सा विशेष रूप से सामाजिक व्यवहारों के लिए जिम्मेदार होता है। चिंता और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों में एमिग्डाला की अत्यधिक सक्रियता देखी जाती है, जो अत्यधिक भावनाओं और उनके नियंत्रण में कठिनाई पैदा करती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ट्रांस-क्रानियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (टीएमएस) जैसी तकनीक का उपयोग करके इन मस्तिष्क संबंधों को प्रभावित किया जा सकता है। टीएमएस एक गैर-हानिकारक प्रक्रिया है, जो मस्तिष्क की गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। यह अध्ययन यह भी बताता है कि इंसान की सामाजिक समझ, जैसे दूसरों की भावनाओं और विचारों को समझना, मस्तिष्क के हाल ही में विकसित हिस्सों की वजह से संभव हुआ है। यह खोज न केवल मानसिक बीमारियों के इलाज को बेहतर बनाएगी, बल्कि हमें यह समझने में भी मदद करेगी कि इंसान सामाजिक रूप से इतना कुशल कैसे बना। सुदामा/ईएमएस 28 नवंबर 2024