- न्यूजीलैंड और स्विट्जरलैंड भी सुरक्षित देशों की सूची में - रूस ने परमाणु हमला किया, तो छिड सकता है तीसरा विश्व युद्ध लंदन (ईएमएस)। यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने आशंका जताई है कि रूस बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है। अगर रूस ने परमाणु हमला किया, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की ओर ले जा सकता है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण एशियाई क्षेत्र होगा, जहां भारत, पाकिस्तान और चीन जैसे परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। इस क्षेत्र में किसी भी बड़े संघर्ष की स्थिति में व्यापक तबाही होना तय है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, परमाणु युद्ध के प्रभाव न केवल रेडिएशन और विस्फोट तक सीमित रहेंगे, बल्कि इसके चलते दुनिया भर में खाद्य आपूर्ति बुरी तरह बाधित होगी। कृषि और व्यापार पर इसके दीर्घकालिक प्रभावों के कारण 6.7 अरब लोग भुखमरी का शिकार हो सकते हैं। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोप और रूस जैसे क्षेत्रों में सबसे ज्यादा लोग भूख से मरेंगे। अमेरिका में अनुमानित 98 प्रतिशत जनसंख्या भूख का सामना कर सकती है। हालांकि, कुछ देश इस स्थिति में भी अपेक्षाकृत सुरक्षित रह सकते हैं। अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे, पराग्वे, ऑस्ट्रेलिया, आइसलैंड और ओमान जैसे देशों में खाद्य आपूर्ति जारी रहने की संभावना है। दूसरी ओर, हालिया शोध ने सुझाव दिया है कि परमाणु विस्फोट से बचने के लिए मजबूत इमारतों में शरण लेना और दरवाजों व खिड़कियों से दूर रहना सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने हाल ही में दावा किया कि उनकी एंटी बैलिस्टिक मिसाइलें मिनटों में यूरोपीय राजधानियों को निशाना बना सकती हैं। इस तरह के बयान और रूस-यूक्रेन युद्ध की हालिया घटनाएं वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही हैं। अगर यह युद्ध तीसरे विश्व युद्ध में बदलता है, तो इसके परिणाम विनाशकारी होंगे। ऐसे में यह जरूरी है कि वैश्विक नेतृत्व तत्काल कूटनीतिक प्रयासों के जरिए इस संकट को हल करने की दिशा में काम करे। परमाणु युद्ध की आशंका के बीच, विशेषज्ञों ने उन स्थानों की पहचान की है जो इस भयावह स्थिति में अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जा सकते हैं। इन स्थानों में उनकी भौगोलिक स्थिति, राजनीतिक तटस्थता और संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखा गया है। अंटार्कटिका को सबसे सुरक्षित स्थानों में गिना जा रहा है। इसकी भौगोलिक अलगाव और रणनीतिक महत्वहीनता इसे संभावित हमलों से बचाती है। विशाल और अविकसित भूमि इस बर्फीले महाद्वीप को हजारों शरणार्थियों को आश्रय देने में सक्षम बनाती है। आइसलैंड अपनी शांति और तटस्थता के लिए जाना जाता है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे युद्ध की स्थिति में कम संभावित लक्ष्य बनाती है। इसी तरह, न्यूजीलैंड भी अपनी तटस्थ विदेश नीति और पहाड़ी भूभाग के कारण एक सुरक्षित स्थान के रूप में उभरता है। स्विट्जरलैंड, अपनी ऐतिहासिक तटस्थता और मजबूत भूभाग के कारण, संकट की स्थिति में शरणस्थल के रूप में एक प्रभावशाली विकल्प हो सकता है। इसके अलावा, ग्रीनलैंड, इंडोनेशिया, और तुवालु जैसे दूरस्थ और राजनीतिक रूप से तटस्थ स्थानों को भी अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जा रहा है। खासतौर पर, तुवालु की सीमित बुनियादी ढांचा सैन्य कार्रवाइयों को कठिन बनाता है। दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना, चिली, और उरुग्वे में प्रचुर मात्रा में फसलों और स्थिर बुनियादी ढांचे के कारण युद्ध के बाद के अकाल से बचने की संभावना अधिक है। ये देश संभावित सुरक्षित स्थानों की सूची में प्रमुख हैं। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध लगभग दो साल दस महीने से थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में यूक्रेन द्वारा किए गए मिसाइल हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा गया है। इसके जवाब में रूस ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का इस्तेमाल किया है, जो परमाणु हमले करने में सक्षम है। इस कदम से पूरी दुनिया सकते में है, और परमाणु युद्ध का खतरा पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। सुदामा/ईएमएस 30 नवंबर 2024