- आज रविवार को पंचकल्याणक महोत्सव के प्रमुख पात्रों का होगा चयन भोपाल(ईएमएस)। राजधानी के जैन मंदिरों में मुनि प्रमाण सागर महाराज के सासंघ सानिध्य में प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठानों के साथ आशीष वचन हो रहे हैं। प्रातकालीन धर्म सभा में मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में धर्म और पुरुषार्थ के महत्व को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कोई भी क्रिया कर्म कहलाती है, लेकिन जब वह किसी श्रेष्ठ उद्देश्य से जुड़ जाती है, तो पुरुषार्थ बन जाती है। हमें अपने कर्मों को पुरुषार्थ में बदलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने धर्म के चार रूपों को परिभाषित किया: उपासना गत धर्म – जिसमें पूजा-पाठ, व्रत, दान, तपस्या आदि शामिल हैं। नैतिकता और प्रामाणिकता युक्त धर्म – जो सत्यनिष्ठा और ईमानदारी पर आधारित है। कर्तव्य निष्ठा से युक्त धर्म – जिसमें व्यक्ति अपने उत्तरदायित्वों का पालन करता है। आध्यात्मिक जागरण रूप धर्म – जो आत्मा की शुद्धि और आंतरिक चेतना के उत्थान से संबंधित है। मुनि श्री ने उपासना की गहराई को समझने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केवल पूजा-पाठ करने से धर्म प्राप्त नहीं होता, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य भावों की शुद्धि और मन की निर्मलता होनी चाहिए। धार्मिक क्रियाएं मात्र क्रिया न बनकर जीवन को रूपांतरित करने की प्रक्रिया होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कई लोग पूजा-पाठ करते हैं, लेकिन उनके भीतर कोई परिवर्तन नहीं आता, क्योंकि वे केवल यांत्रिक रूप से इसे करते हैं, जैसे कोई धर्म का ‘कुल्ला’ कर रहा हो, पर भीतर तक उसे आत्मसात नहीं करता। नैतिकता और प्रामाणिकता पर जोर देते हुए उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे लोग धर्म-कर्म में लिप्त होने के बावजूद अनैतिक कार्यों में संलग्न रहते हैं। उन्होंने इस पर विचार करने को कहा कि क्या हम वास्तव में धर्म का पालन कर रहे हैं या केवल बाहरी दिखावे में लिप्त हैं। अंत में, उन्होंने धर्म को जीवन में गहराई से आत्मसात करने का संदेश दिया और कहा कि सच्ची उपासना वही है जो हमारी वासनाओं को शांत करे, आंतरिक शुद्धि लाए और हमें परमात्मा से जोड़ने में सहायक बने। प्रवक्ता सुनील जैनाविन ने बताया कि,15 से 20 फरवरी तक होने वाले पंचकल्याणक महोत्सव के लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। अध्यक्ष अमर जैन की अगुवाई में सक्रिय कार्यकर्ताओं का समावेश कर आयोजन समिति का गठन किया गया। रविवार को महोत्सव के प्रमुख पात्रों का चयन भी होगा। मुनि संघ के दर्शन हेतु प्रतिदिन श्रद्धालुओं को ताता लगा हुआ है इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष अमर जैन महेश बारी अनुभव सराफ, दिनेश गोयल के सी जैन सुरेंद्र जैन, दिनकर जैन सहित अनेक धर्म लंबी मौजूद थे। सुनील जैनाविन / 08 फरवरी, 2025