नई दिल्ली (ईएमएस)। छोटे बच्चे माता-पिता के लिए अधिक मानसिक दबाव का कारण बन सकते हैं। यह खुलासा हुआ है एक ताजा अध्ययन में। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, एक क्लीनिकल स्टडी में यह पाया गया कि जब बच्चे छोटे होते हैं, तो माता-पिता का स्ट्रेस लेवल अधिक होता है। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, माता-पिता का तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसकी एक वजह यह है कि छोटे बच्चों को लगातार देखभाल की जरूरत होती है, वे अपने मूड स्विंग्स और गुस्से को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे घर का माहौल भी प्रभावित होता है। बच्चे कभी खुश तो कभी चिढ़े हुए नजर आते हैं, जिससे माता-पिता को उन्हें संभालने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते हैं। छोटे बच्चों में टैंट्रम (जिद और गुस्सा) होना आम बात है। जब उनकी कोई इच्छा पूरी नहीं होती, तो वे गुस्से में चिल्लाने लगते हैं, रोते हैं या बुरा व्यवहार करने लगते हैं। यह स्थिति माता-पिता के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि उन्हें समझना होता है कि यह उनके विकास का एक हिस्सा है। इस दौरान सही प्रतिक्रिया देना महत्वपूर्ण होता है ताकि बच्चे की आदतें नकारात्मक रूप न लें। छोटे बच्चे अपनी भावनाओं को पूरी तरह व्यक्त नहीं कर पाते, इसलिए वे अक्सर गुस्से या चिढ़ के जरिए अपनी भावनाओं को दिखाते हैं। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम हो जाते हैं और अपने कार्यों के परिणामों को समझने लगते हैं। इस उम्र में माता-पिता की भूमिका बदल जाती है। उन्हें अपने बच्चों के साथ अधिक संवाद करना होता है और उनके विचारों को समझने की जरूरत होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, माता-पिता को धैर्य के साथ छोटे बच्चों की भावनाओं को समझने और सही तरीके से उनका मार्गदर्शन करने की जरूरत होती है। इससे न केवल बच्चों का मानसिक विकास सही तरीके से होगा, बल्कि माता-पिता का तनाव भी कम होगा। मालूम हो कि बच्चों की परवरिश करना आसान काम नहीं होता। माता-पिता को उनके पालन-पोषण के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर जब बच्चे छोटे होते हैं, तो उनकी देखभाल में अधिक समय और मेहनत लगती है। सुदामा/ईएमएस 18 फरवरी 2025