- ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 का समापन - मध्यप्रदेश हर तरह के निवेश के लिए सक्षम - सीएम डॉ. यादव बोले- धरातल पर उतारेंगे एमओयू भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश के इतिहास में दर्ज हो चुकी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 का 25 फरवरी की शाम समापन हुआ। समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए। उन्होंने जीआईएस की जमकर तारीफ की। उन्होंने यह भी कहा कि इस वैश्विक सम्मेलन की सफलता मध्यप्रदेश के विकास को गति देगी। यह समिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो सपनों को साकार करने में भी सहायक होगी। पीएम मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र और 2027 तक देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस जीआईएस ने न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि भारत के भी विकास को गति दी है। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जीआईएस ने प्रदेश में विकास और निवेश का माहौल बना दिया है। सरकार इस दौरान हुए एमओयू को धरातर पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध और संकल्पित है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सबसे पहले इस दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव और उनकी पूरी टीम, उनके मंत्रिमंडल और मुख्य सचिव से लेकर पूरी प्रशासनिक टीम को मैं बधाई देता हूं। मैं सभी का अभिनन्दन करता हूं कि दो दिन के अंदर 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपये के एमओयू हुए। मुझे पूरा विश्वास है जिस प्रकार की कार्ययोजना मध्यप्रदेश सरकार ने बनाई है उसके तहत ये एमओयू जमीन पर उतरेंगे। दो दिन के कार्यक्रम में 200 से अधिक भारतीय कंपनियां, 200 से अधिक वैश्विक सीईओ , 20 से अधिक यूनिकॉर्न संस्थापक और 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि मध्यप्रदेश में निवेश के माहौल को देखने आए। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस बार मध्यप्रदेश ने नया प्रयोग भी किया। यह प्रयोग आने वाले दिनों में कई राज्यों को भी दिशा दिखाने वाला होगा। मध्यप्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि है कि दो दिवसीय समिट के अंदर मध्यप्रदेश ने अपनी औद्योगिक क्षमता को दिखाकर उपलब्धि हासिल की। यहां हुए सभी सत्रों ने प्रदेश के विकास को नया आयाम दिया। सभी जानते हैं कि मध्यप्रदेश हमारे देश की भव्य विरासत वाला राज्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूत्र है विकास भी विरासत भी। प्रदेश इसी सूत्र को चरितार्थ करने के कई प्रयास कर रहा है। साल 2047 तक पीएम मोदी ने देश की 130 करोड़ जनता के सामने भारत को एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प रखा है। साल 2027 तक देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का संकल्प भी रखा है। मध्य प्रदेश की यह इन्वेस्टमेंट समिट इन दोनों लक्ष्यों को पूरा करने में न केवल सहायक होगी, बल्कि महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएगी। सबको साथ मिलकर चलना होगा उन्होंने कहा कि डेवलपमेंट की कल्पना में कोई एक सरकार देश का विकास नहीं कर सकती। टीम इंडिया की कल्पना में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें एक होकर भारत का विकास करें। इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्य तय किया है। मध्यप्रदेश ने इस लक्ष्य के लिए बहुत आगे तक कदम बढ़ाए हैं। अमृतकाल चल रहा है। यह ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट भारत की युवा पीढ़ी के कौशल विकास के लिए कई द्वार खोलेगी। ऑटोमेशन और जॉब क्रिएशन के बीच समन्वय कर मध्यप्रदेश सरकार ने जो नीतियां बनाई हैं, वो आगे बढ़ेंगी और भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में बड़ी सहायता करेंगी। देश में मध्यप्रदेश निवेश के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र बना है। जब कोई व्यक्ति, समूह या कंपनी अपने विस्तार के बारे में विचार करती है तो वह ऐसे राज्य की तलाश करती है, जहां स्थिर-मजबूत सरकार हो, ताकि सरकारी नीतियों का पूरा लाभ मिल सके। पीएम मोदी के नेतृत्व में स्थायी और मजबूत सरकार के कारण मध्य प्रदेश निवेशकों के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन बना है। हर तरह से सक्षम है एमपी उन्होंने कहा कि बिजली-पानी-सड़क को लेकर जो मध्यप्रदेश बीमारू राज्य माना जाता था। बीजेपी सरकार ने 20 साल में उसे बदलकर रख दिया है। बीजेपी सरकार के 20 साल के शासन में आज यहां 5 लाख किलोमीटर रोड नेटवर्क है। 6 हवाई अड्डे हैं , 31 गीगावाट की ऊर्जा क्षमता है। इसमें से 30 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी है। देश भर में सबसे ज्यादा खनिज पैदा करने वाला राज्य हमारा मध्यप्रदेश है। प्रदेश देश का कॉटन कैपिटल भी बन गया है। फूड प्रोसेसिंग के लिए भी मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। एमपी में एक स्ट्रैटेजिक लोकेशन है। बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर यहां बन चुका है। एमपी फूड प्रोसेसिंग के लिए भी महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। राज्य सरकार ने 2025 वर्ष को उद्योग वर्ष में मनाने का तय किया है। मार्केट का एक्सेस भी मध्यप्रदेश से ज्यादा किसी स्टेट को उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा पारदर्शी शासन ने लोगों को निवेश के लिए आकर्षित किया है। यहां लैंड, लेबरफोर्स, माइंस, मिनिरल्स हैं। उद्योग की संभावनाएं और अवसर हैं। आज इस जीआईएस ने न केवल मध्यप्रदेश बल्कि भारत के भी विकास को गति देने का काम किया है। मैं आशा करता हूं कि मध्यप्रदेश आने वाले दिनों में भारत के प्रमुख उद्योगों को प्रस्थापित करने वाले राज्यों में बनेगा। मध्यप्रदेश का इकोनॉमिकल डेवलपमेंट भी दिन दूनी रात चौगुनी होगा। हम लगातार विकास कर रहे - सीएम डॉ. यादव सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी ये समिट एक अलग प्रकार के दौर में पहुंच रही है। भारत वर्तमान में अपने स्वर्णिम काल से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विकास के लिए अनथक और अथक मेहनत कर रहे हैं। इस लक्ष्य को पाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने प्रदेश पर विशेष कृपा की है। हमारे यहां पर्याप्त पानी, पर्याप्त लैंड बैंक और निवेश के लिए अनुकूल कानून-व्यवस्थाएं हैं। मैं गृहमंत्री शाह को बताना चाहता हूं कि 1 वर्ष पहले हमने अपनी सरकार के गठन के बाद निवेश के लिए लगातार रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव की यात्रा शुरू की। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के बाद जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, शहडोल और नर्मदापुरम जैसे संभाग केंद्रों पर 7 अलग-अलग समिट की। इसके बाद मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरु, कोलकाता पुणे, दिल्ली में भी इंटरेक्टिव सेशन आयोजित किए। निवेशकों को नहीं होगी परेशानी सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूके, जर्मनी, जापान में मध्य प्रदेश की विकास गाथा प्रस्तुत की। हमने पल-पल निवेश के लिए इकोसिस्टम बनाने का प्रयास किया। देश-विदेश के उद्योगपतियों ने अपने मन की जिज्ञासाओं को हमसे साझा किया और हमने उनका समाधान किया। हम निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लेकर आए हैं। ताकि, उद्योगपतियों को किसी तरह की परेशानी न हो। हमने इस पूरे वर्ष को उद्योग और रोजगार को समर्पित किया है। कृषि में निवेश की अपार संभावना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अभी भी ऐसे कई सेक्टर बाकी हैं जिनके लिए हम ठोस रणनीति पर काम कर रहे हैं। खासकर, कृषि के क्षेत्र में हमारे लिए बड़ी संभावनाएं हैं। मालवा, चंबल, मध्य भारत के इस बेल्ट में पानी की उपलब्धता अच्छी है। कृषि आधारित जिलों में निवेश की बहुत संभावना है। हम टेक्सटाइल, रियल स्टेट, हेल्थ सेक्टर पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने का कि इस इंवेस्टर्स समटि में उद्योगपतियों और कई एक्सपर्ट ने भाग लिया। 60 से ज्यादा देश के प्रतिनिधियों और प्रमुख उद्योगपतियों ने इसमें भूमिका अदा की। 300 से अधिक कंपनियों के एमडी और सीईओ ने इसमें भाग लिया। इसमें 25000 से अधिक उद्योगपतियों की सहभागिता हुई। धरातल पर उतारेंगे एमओयू इस समिट में 5000 से अधिक बी-2-बी और 600 से अधिक बी-2-जी बैठकें हुईं। इसी कारण हमारी समिट एक अद्वितीय मुकाम तक पहुंची है। इस समिट में ऊर्जा, आईटी, खनन, पर्यटन, स्टार्टअप और शहरी विकास के विभिन्न प्रकार के ऐतिहासिक समझौते हुए। इस दौरान कुल 30 लाख 77 हजार करोड़ निवेशकों के एमओयू हुए। सभी एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार पूर्णता प्रतिबद्ध और संकल्पबद्ध है