अंतर्राष्ट्रीय
19-Mar-2025
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काठमांडू (ईएमएस)। माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पर्वतारोही वहां पहुंचते हैं। इस पहाड़ी पर सामान चढ़ाने का काम सदियों से शेरपा करते आए हैं। अब यह शेरपा बेरोजगार होने जा रहे हैं। इनका काम अब ड्रोन करेंगे। हाल ही में 15 किलो तक का वजन ऊंचाई पर ड्रोन से पहुंचने का सफल परीक्षण चीन के ड्रोन द्वारा किया गया है। चीन के बने ड्रोन एवरेस्ट में सफाई का काम भी करेंगे। पर्वतारोहियों के लिए बेस कैंप तक सामान पहुंचाने का काम भी ड्रोन के द्वारा होगा। अभी सामान पहुंचाने में शेरपाओं को 7 घंटे का कम से कम समय लगता था। अब 15 मिनट के अंदर ही समान बेस कैंप में पहुंच जाएगा। चीन के बने ड्रोन से सीडी और रस्सी भी ऊपर पहुंचाई जा सकेंगी। 2024 में चीन की ड्रोन कंपनी के प्रतिनिधि नेपाल आए थे। उन्होंने दो ड्रोन का सफल परीक्षण किया है। एक ड्रोन की लागत 58 लाख रुपए आती है। नेपाल में यदि इन ड्रोन को असेंबल किया जाएगा, तो लागत आधी हो जाएगी। जल्द ही ड्रोन से सामान एवरेस्ट की चोटी पर भेजने का काम शुरू हो जाएगा। एसजे / 19 मार्च 25