भोपाल (ईएमएस)। मप्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर सियासत गरमाई हुई है। एमपी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण मामले में स्पष्ट तौर पर 13 फीसदी पद खाली रखने के निर्देश दिये हैं। कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सरकार बाकी 87 फीसदी पदों पर ही भर्ती हो। वहीं इसे लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने भाजपा सरकार ने निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ओबीसी आरक्षण पर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार का ओबीसी विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है। भाजपा के षड्यंत्र के कारण हाई कोर्ट को ओबीसी के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत पदों में से 13 प्रतिशत पदों को होल्ड पर रखने का निर्णय करना पड़ा है। कमलनाथ ने आगे लिखा कि जरा गौर से देखिए कि किस तरह से भाजपा ने षड्यंत्र रचकर हाईकोर्ट के सामने ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न कीं कि ओबीसी के 13 प्रतिशत पद होल्ड कर दिए जाएं। 4 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा था कि 27 प्रतिशत ओबीसी कोटे के साथ सभी पद क्यों नहीं भरे जा रहे? 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का अपना क़ानून सरकार क्यों लागू नहीं कर रही है? यह वही क़ानून था जो 2019 में मेरी सरकार ने बनाया था। भाजपा सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर तुरंत अमल करने के बजाए बहुत सी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट भेजने की चाल चली। ओबीसी के होल्ड पदों पर भर्ती क्यों नहीं हो रही कमलनाथ ने आगे लिखा कि इसी तरह 17 मार्च 2025 को हाईकोर्ट ने भाजपा सरकार से फिर पूछा कि वह ओबीसी के होल्ड पदों पर भर्ती क्यों नहीं कर रही है? लेकिन भाजपा सरकार ने होल्ड पदों पर भर्ती करने के बजाय स्वयं हाईकोर्ट को अपनी तरह तरफ से अंडरटेकिंग दी कि 13त्न पदों को होल्ड रखा जाए। सरकार के इस षड्यंत्र के बाद ही हाईकोर्ट ने ओबीसी के 13 प्रतिशत पद होल्ड करने का निर्णय 20 मार्च 2025 को सुनाया। भाजपा किसी भी हद तक गिर सकती है पूर्व सीएम ने लिखा कि प्रदेश का ओबीसी वर्ग अब अच्छी तरह से समझ गया है कि कांग्रेस की सरकार ने 2019 में जो 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था, उसे खत्म करने के लिए भाजपा किसी भी हद तक गिर सकती है। अब समय आ गया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को उसका हक दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई के साथ ही विधानसभा, संसद और सडक़ हर जगह संघर्ष छेडऩा पड़ेगा।