30-Mar-2025
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- 9.5 तीव्रता के इस भूकंप ने मचा दी थी तबाही लंदन (ईएमएस)। 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई, जो बेहद खतरनाक मानी जाती है। इस भूकंप से कई लोगों की जाने चली गई और कई विशाल इमारतें जमीदोज हो गई। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस तीव्रता का भूकंप बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकता है और कमजोर इमारतों को गिरा सकता है। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 1960 में चिली के वाल्दीविया में आया था? इस भूकंप की तीव्रता 9.5 मापी गई थी, जिसे ग्रेट चिलियन भूकंप के नाम से जाना जाता है। यह भूकंप 22 मई 1960 को आया था और करीब 10 मिनट तक झटके देता रहा था। इसकी वजह से सूनामी की विशाल लहरें उठीं, जिसने दक्षिण अमेरिका से लेकर हवाई, जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया तक तबाही मचा दी थी। वाल्दीविया एक तटीय क्षेत्र था, इसलिए इस भूकंप के कारण समुद्र से उठी लहरों ने अधिक विनाश किया। हालांकि, उस समय इस क्षेत्र की आबादी अपेक्षाकृत बहुत कम थी, जिसके कारण मरने वालों की संख्या 1,000 से 6,000 के बीच रही। हालांकि, आर्थिक नुकसान बहुत ज्यादा हुआ और कई शहर तबाह हो गए। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि वैज्ञानिक आज भी इसे धरती पर आए सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक मानते हैं। आमतौर पर भूकंप की तीव्रता 6 से 8 के बीच होती है, जो इमारतों और बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या रिक्टर स्केल पर 10 तीव्रता का भूकंप आ सकता है? वैज्ञानिकों के अनुसार, यह लगभग असंभव है। अमेरिका की भूवैज्ञानिक संस्था यूएसजीएस के अनुसार, पृथ्वी की संरचना और फाल्ट लाइनों की सीमाओं के कारण 10 तीव्रता का भूकंप आना बेहद कठिन है। भूकंप की तीव्रता और उसके प्रभाव फाल्ट लाइनों पर निर्भर करते हैं। फाल्ट लाइन वह स्थान होता है जहां पृथ्वी की चट्टानें आपस में टकराती या खिसकती हैं। अगर फाल्ट लाइन बड़ी होती है, तो भूकंप भी उतना ही शक्तिशाली होता है। चिली में आए 9.5 तीव्रता वाले भूकंप की फाल्ट लाइन 1,000 मील लंबी थी, जो इसे अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप बनाने के लिए पर्याप्त थी। अगर कभी 10 तीव्रता का भूकंप आता है, तो उसका प्रभाव इतना विनाशकारी होगा कि धरती के बड़े हिस्से को नुकसान पहुंच सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारी पृथ्वी की संरचना इतनी मजबूत है कि इतने बड़े झटकों को सहने के लिए यह खुद को संतुलित कर सकती है। इसलिए, 10 तीव्रता का भूकंप आना लगभग असंभव है। फिलहाल, भारत समेत दक्षिण एशिया के कई देश भूकंप के बढ़ते खतरों का सामना कर रहे हैं। नेपाल, भूटान और भारत के हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की संभावना अधिक होती है, क्योंकि यह इलाका टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराने वाले क्षेत्र में आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि हमें भूकंप-रोधी इमारतों का निर्माण करने और भूकंप से बचाव के उपायों को अपनाने की जरूरत है, ताकि इस प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। सुदामा/ईएमएस 30 मार्च 2025