राज्य
20-Apr-2025
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मुंबई,(ईएमएस)। उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह की अटकलों पर प्रतिक्रिया मांगने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हो गए और पत्रकार से साफ कहा कि वह सरकार के काम के बारे में बात करें। बता दें शिंदे शनिवार को अपने पैतृक गांव दरे में थे, तो एक पत्रकार ने उनसे शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच सुलह की चर्चा पर प्रतिक्रिया मांग ली इससे शिंदे बुरी तरह चिढ़ गए और उन्होंने पत्रकार की बात अनुसना कर दिया और कहा कि काम के बारे में बात करें। बता दें राज ठाकरे ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें अविभाजित शिवसेना में उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं। इस बयान के बाद दो चचेरों भाईयों में सुलह की अटकलें शुरू हुईं। राज ठाकरे ने कहा कि सवाल यह है कि क्या उद्धव उनके साथ काम करना चाहते हैं। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच संभावित सुलह की अटकलों को हवा देते उनके बयानों से संकेत मिलता है कि वे मामूली मुद्दों को नजरअंदाज कर सकते हैं और दो दशक के कटु मतभेद के बाद एक-दूसरे के साथ आ सकते हैं। एक ओर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि मराठी मानुष के हित में एकजुट होना कठिन नहीं है, तो वहीं पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां भूलने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को तरजीह न दी जाए। उद्धव ठाकरे का इशारा संभवत: हाल ही में राज ठाकरे के घर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मेजबानी करने की ओर था। राज ठाकरे का नाम लिए बिना उद्धव ठाकरे ने कहा था कि चोरों की मदद करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला। उनका साफ इशारा बीजेपी और शिंदे नीत शिवसेना की ओर था। साल 2022 में उद्धव ठाकरे को उस समय बड़ा झटका तब लगा था जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर उनकी सरकार गिरा दी थी। इसके बाद शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी। पिछले साल 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए हुआ चुनाव शिवसेना (यूबीटी) ने विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी के साथ लड़ा था। पार्टी ने 95 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन 20 सीट पर ही उसे जीत मिली थी। बता दें शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकने ने जनवरी 2006 में पार्टी छोड़ दी थी और अपने फैसले के लिए उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार बताया था। इसके बाद उन्होंने मनसे की स्थापना की जिसने शुरू में उत्तर भारतीयों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, लेकिन 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटें जीतने के बाद मनसे सिमटती चली गई। 2024 के विधानसभा चुनाव में उसका खाता भी नहीं खुला। उद्धव और राज में सुलह की खबरों के बीच देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर दोनों साथ आ जाते हैं तो उन्हें भी खुशी होगी। उन्होंने कहा कि इस बात में किसी के दुखी होने की कोई बात ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई फोन करता है तो दूसरा शख्स उत्तर भी देता है। इसमें हमें पड़ने की क्या जरूरत है? सिराज/ईएमएस 20अप्रैल25