राज्य
30-Apr-2025
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नोएडा(ईएमएस)। एमबीकेएम फाउंडेशन ने यहां आईएमए हाउस में आयोजित पुरस्कार समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली युवा महिलाओं को डॉ. रमा सहारिया अवार्ड से सम्मानित किया। फाउंडेशन इन पुरस्कारों के लिए उन युवा महिलाओं को चुनता है जो साधारण पृष्ठभूमि से आती हैं, लेकिन अपने संकल्प और मेहनत से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करती हैं — सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन की बाधाओं को पार करते हुए और एक जड़ व्यवस्था की मान्यताओं को चुनौती देते हुए अपना विशेष स्थान बनती हैं। फाउंडेशन के महासचिव राजीव माथुर कहते हैं, हम उन लड़कियों को चुनते और सम्मानित करते हैं जिनकी दृढ़ता और संकल्प को उनके परिवारों के बाहर कोई नहीं जानता या पहचानता। फाउंडेशन के संरक्षक, 85 वर्षीय टेक्नोक्रेट और पश्चिम रेलवे के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सिविल इंजीनियर आर.एस. अत्रोले कहते हैं, ऐसी लड़कियों को चुनकर और उन्हें एक विशिष्ट समारोह में सम्मानित करके, हम समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि कमजोर वर्गों में भी प्रतिभा को पहचाना और सम्मानित किया जाए और ये पुरस्कार विजेता दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनें। फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य अधिवक्ता सी.के. श्रीवास्तव बताय कि यह पुरस्कार डॉ. रमा सहारिया की स्मृति में शुरू किए गए हैं, जो एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद थीं। वे उत्तर प्रदेश सरकार के तीन महाविद्यालयों में प्राचार्य के रूप में कार्यरत थीं। मनोविज्ञान में पीएचडी डॉ. रमा, आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आने वाली छात्राओं और संविदा पर काम करने वाले गरीब कॉलेज कर्मचारियों के प्रति विशेष संवेदना रखती थीं। डॉ. रमा सहारिया शिक्षाविद होने के साथ-साथ, दैनिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में महिला संबंधी मुद्दों पर लेखन करती थीं। वे एक कुशल गायिका थीं और बुनाई, कढ़ाई, सिलाई जैसे हुनर के प्रति भी उनका विशेष लगाव था। इसीलिए फाउंडेशन ने उच्च शिक्षा, मीडिया लेखन, निर्माण, सामाजिक कार्य और ललित-प्रदर्शन कला के चार क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार देने का निर्णय लिया। सेवानिवृत्त नौकरशाहों, पेशेवरों और उनके मित्रों द्वारा पारिवारिक ट्रस्ट के रूप में स्थापित यह फाउंडेशन समाज से मिले सम्मान, प्रतिष्ठा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बदले समाज को कुछ लौटाने का प्रयास करता है और जब कोई समाज को लौटाता है, तो स्वाभाविक रूप से वह उसे देना चाहता है जिसे उसकी सबसे अधिक जरूरत हो। डॉ रमा सहरिया की स्मृति में शनिवार को हुए द्वितीय पुरस्कार समारोह में जिन युवा कार्यरत महिलाओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया, उनमें डॉ. प्रियंका – सहायक प्रोफेसर को उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए, पत्रकार सुश्री ज़ेबा हसन को मीडिया और लेखन में उपलब्धियों के लिए, सामाजिक कार्यकर्तासुश्री साधना भारती को महिला अधिकारों और सशक्तिकरण में प्रयासों के लिए, संगीत शिक्षिका सुश्री रिम्पा कुमारी को ललित कला और संगीत में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया नोएडा में आयोजित इस पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता पूर्व रक्षा सचिव डॉ. योगेन्द्र नारायण ने की, जबकि वरिष्ठ राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुभोध कांत सहाय मुख्य अतिथि रहे। अन्य प्रमुख उपस्थित व्यक्तियों में शिक्षाविद् और मीडिया विशेषज्ञ प्रो. लल्लन प्रसाद, ब्रह्माकुमारीज के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक सुषांत, और फाउंडेशन के पदाधिकारी शामिल थे। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. योगेन्द्र नारायण ने फाउंडेशन के प्रभावशाली कार्यों की सराहना की। उन्होंने पर्यावरणीय क्षरण और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चिंता जताई और सुझाव दिया कि भविष्य में पर्यावरण और कौशल विकास के क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को भी सम्मानित किया जाए। फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप माथुर ने बताया कि यह सुझाव अगले कोर कमेटी बैठक में विचाराधीन रहेगा। मुख्य अतिथि सुबोध कांत सहाय ने समाज में व्यक्तिगत संवाद की कमी की ओर इशारा किया। उन्होंने एमबीकेएम फाउंडेशन की इस पहल की सराहना की। उन्होंने छिपी हुई प्रतिभाओं को पहचानने और प्रोत्साहित करने के लिए फाउंडेशन की प्रशंसा की और सभी से ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और उन्हें प्रेरणा स्रोत बनने के लिए कहा। पुरस्कार चयन समिति की अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अर्चना वर्मा और नवरत्न फाउंडेशन के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अशोक श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में के.बी. माथुर, सय्यद नूरुज्जमां, सुधांशु मिश्रा, अनिल माहेश्वरी, खलीक अहमद, लक्ष्मण राय, साकेत दिनकर, और डॉ. मुज़फ्फर ग़ज़ाली जैसे प्रमुख पत्रकारों ने भी इस पहल का समर्थन किया और अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन कर्नल मेघा ने किया जबकि डॉ. अपर्णा माथुर ने पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियों को उजागर करते हुए प्रशस्तिपत्र पढ़े। सिडनी निवासी सुश्री आकांक्षा माथुर ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और फाउंडेशन के सदस्यों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हार्दिक आभार जताया। ईएमएस / 30 अप्रैल 25