01-May-2025


अवैध कटाई का गढ़ बनती जा रही दक्षिण वनमंडल की बिछुआ रेंज छिंदवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। वनविभाग के दक्षिण वनमंडल की बिछुआ रेंज में इन दिनों सागौन तस्कर सक्रिय है या यूं कहें कि यह रेंज सागौन तस्करों का गढ़ बन गई है। वन विभाग की मिलीभगत से बेशकीमती सागौन के वृक्षों पर वन माफिया बेखौफ होकर से आरा और कुल्हाड़ी चला रहे हैं और बड़ी मात्रा में सागौन की खेप बढ़ई के ठिकानों पर पहुंच रही है और इस सागौन की जिले के बाहर सप्लाई की जा रही है। जंगलों की रखवाली करने वाले विभाग का वनों को सुरक्षित रखने का दावा खोखला साबित हो रहा है। विभाग तस्करों पर नकेल नहीं कस पा रहा है। यहां के आमाकुही सर्किल, पानाथावरी, मजियापार डिपो में बड़ी मात्रा में सागौन कारीगरों (बढ़ई)के ठिकानों पर पहुंच रही है और क्षेत्र के ग्वारीमार्ग और खमरा में बेधडक़ फर्निचरों का निर्माण हो रहा है। बावजूद इसके विभाग यहां जांच करने तक नहीं पहुंचता। आए दिन धड़ल्ले से हो रही अवैध कटाई पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं हैं। नहीं करते क्षेत्र में गश्त सूत्रों की माने तो वनकर्मी और राजस्व अमल अपने-अपने क्षेत्र में गश्त नहीं करते हैं। इसके कारण लकड़ी तस्कर उसका फायदा उठाकर सागौन सहित अन्य कीमती पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, और उसे बेचकर लाखों की कमाई कर रहे हैं। वनकर्मी तो गश्त करने के बजाए एक स्थान पर बैठकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। दिन दहाड़े सुनाई देती है कुल्हाड़ी की आवाज सूत्र बता रहे हैं कि वन परिक्षेत्र में दिन के समय भी कुल्हाड़ी और आरी की आवाज सुनाई देती है। वहीं कटर मशीन भी चलाई जा रही है। बताया जा रहा है कि बिछुआ का ऐसा कोई बढ़ई नहीं जिसके पास कटर मशीन न हो, जबकि कटर मशीन रखने के लिए विभाग की अनुमति जरूरी होती है, लेकिन स्थानीय अमले की मेहरबानी से कटर मशीन बढ़ई द्वारा चलाई जा रही है। अधिकारी नहीं उठाते फोन बिछुआ परिक्षेत्र के अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि परिक्षेत्र अधिकारी से लेकर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी फोन नहीं उठाते। यहां तक की सरकारी नंबर को भी रिसीव न करना उनकी आदत बन गई है। ऐसे में जब लोग कटाई संबंधी तस्करों के संबंध में सूचना देने का प्रयास करते हैं तो उन्हें मायूष होना पड़ता है। ईएमएस / 01 मई 2025