02-May-2025


मुंबई, (ईएमएस)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ नाराजगी जताई है। हाई कोर्ट ने संबंधित पक्षों से चार सप्ताह के भीतर अपने विचार प्रस्तुत करने को कहा है। इस संबंध में महानगर पालिका ने होर्डिंग्स के बारे में शिकायत के लिए एक टोल-फ्री नंबर उपलब्ध कराया है, साथ ही वेबसाइट पर भी शिकायत दर्ज करने का विकल्प दिया है। हाई कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस अभियान के लिए कार्मिकों सहित 26 वाहन तैनात किये गये थे। ऐसे संकेत हैं कि आने वाले दिनों में हर होर्डिंग पर क्यूआर कोड अनिवार्य हो जाएगा। जिससे उसकी अनुमति के बारे में सारी जानकारी सार्वजनिक रूप से सभी को सीधे मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी। यह राज्य भर में अवैध होर्डिंग्स और बैनरों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। * क्या है मामला बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य में अनाधिकृत पोस्टर, होर्डिंग्स और बैनर को लेकर कई बार निर्देश जारी किए हैं। वर्ष 2017 में जारी आदेशों में कुछ दिशा-निर्देश दिए गए थे। हालांकि, उस आदेश का क्रियान्वयन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने इस संबंध में स्वप्रेरणा से याचिका दायर की है। इस याचिका पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायाधीश मकरंद कार्णिक की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। आदेश के अनुसार अवैध होर्डिंग्स एवं बैनरों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है? राज्य सरकार समेत प्रदेश के सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं को इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। सुस्वराज्य फाउंडेशन और भगवानजी रायणी ने राज्य में अवैध होर्डिंग्स के संबंध में बॉम्बे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। जनवरी 2017 में इन जनहित याचिकाओं पर अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने अवैध होर्डिंग्स और बैनरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और नागरिकों के लिए शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था बनाने के लिए विस्तृत आदेश जारी किए थे। यदि नगर निगम या नगर पालिका द्वारा अवैध होर्डिंग्स के संबंध में आम जनता से कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो पुलिस का दायित्व है कि वह तुरंत शिकायत की जांच करे और मामला दर्ज करे। हालाँकि, उच्च न्यायालय में प्रस्तुत आंकड़े बताते हैं कि यह कार्रवाई आमतौर पर नहीं की जाती है। - अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ की गई कार्रवाई के आंकड़े जारी करें अदालत ने राज्य सरकार को सड़कों के किनारे लगाए जाने वाले बड़े होर्डिंग्स की ऊंचाई और आकार के संबंध में एक व्यापक नीति तैयार करने का भी आदेश दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार को अवैध होर्डिंग्स के संबंध में एक स्वतंत्र समिति गठित करनी चाहिए तथा इस संबंध में वेबसाइट को अपडेट रखना चाहिए। यह समिति राजनीतिक दलों के होर्डिंग्स का सारा डेटा आम जनता तक पहुंचा सके, इस पर क्या कार्रवाई की गई? हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि इसकी जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी। संजय/संतोष झा- ०२ मई/२०२५/ईएमएस