02-May-2025
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:: गणाचार्य विराग सागर महाराज का 62वां अवतरण दिवस हर्षोउल्लास के साथ मना :: :: चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन के साथ गुणानुवाद करते हुए जैन धर्मावलंबियों ने रखे अपने विचार :: :: गुरूवर के तप, साधना के साथ ही कई किस्सों को भी किया साझा :: :: पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज के सान्निध्य में जैन समाज की 40 से अधिक विशेषांक पत्रिकाओं का हुआ विमोचन :: :: 6 दिवसीय महोत्सव में पधारे अतिथियों, सहयोगियों व गुरू भक्तों का किया बहुमान :: :: सुमतिधाम में आयोजित महोत्सव के अंतिम दिन उमड़ा जैन धर्मावलंबियों का जनसैलाब :: :: गुरूवर के दर्शन-पूजन के लिए गुरू भक्तों में मची होड़ :: :: 28 राज्यों सहित विदेशों के गुरू भक्त भी उमड़े गुरूवर के दर्शन पाने में :: :: तीर्थ विहार ट्रैवल्स में तीर्थ दर्शनों की यात्रा कर धन्य हुआ समग्र दिगंबर समाज :: :: सुमतिधाम पर पट्टाचार्य महोत्सव का हुआ समापन :: इन्दौर (ईएमएस)। नियोग-विधि और भाग्य है पिछले 6 दिनों से इन्दौर शहर में लाखों की संख्या में गुरू भक्तों ने न केवल इतने मुनि और आर्यिकाओं की संगत पाई बल्कि अपने आने वाले परभव को भी संवार लिया है। भगवान के ज्ञान में इन्दौर सहित धर्मावलंबियों के नियोग का प्रण झलका होगा कि इस आयोजन को प्रभु भी नहीं टाल सके। आज यहां से जाओ तो आंखे बंद करते हुए जाना। यह आभा मंडल और भव्यता एक साथ इतने गुरूओं का सान्निध्य की भव्यता और कहीं देखने मिले न मिले। पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने पूरे आयोजन को सफल बनाने वाले श्रावक-श्राविकाओं के साथ आचार्य सुंदर सागर की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा श्रम इन्होंने किया हैं यह इनका सहयोग नहीं नियोग था जो इन्हें तीर्थंकर बनाने की राह पर ले जाएगा। यहां जो भव्य जीव आएं हैं वो सब अपनी भावना अनुरूप भगवान के पद को प्राप्त होंगे। जिन्होंने मंच बनाया व कुबैर बनेंगे और केवली के समवशरण के रचियता बनेगें। जो हाथों में झाडू थाम सफाई कर रहे थे वह सौधर्म इन्द्र बनेंगे और देव इनके कक्षों की सफाई करेंगे। जिन्होंने मुनिमहाराज की सेवा की है वे भविष्य में तीर्थंकर भगवान बनेंगे। इसलिए मित्रों इस पल को भुलना मत उन्होंने मनीष गोधा को चेताते हुए कहा कि तुम्हारे पुरूषार्थ को दुनिया में सराहा जा रहा है लेकिन मन में अहंकार मत आने देना नहीं तो यह प्रशंसा मान कषाय में बदल जाएगी। अब वियोग का क्षण हैं मेहमान आते हैं अपनी इच्छा से लेकिन जाते हैं मेजबान के सम्मान व समर्पण को लेकर। इसलिए अब वियोग का समय है जिस तरह से आमंत्रण देकर बुलाया है उसी तरह से उनकी विदाई भी करना। चाहे व मुनि महाराज हो या आने वाले गुरू भक्त। उक्त विचार गांधी नगर गोधा एस्टेट सुमतिधाम के देशना मंडप में आयोजित 6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव के अंतिम दिन श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए पट्टाचार्य विशुद्ध सागर ने व्यक्त किए। उन्होंने अपने प्रवचन में आगे कहा कि भाव सागर से तारने वाला अगर कोई है तो वह गुरु ही होता है। परम गुरु व अपर गुरु दोनों ही हमारे लिए हैं। जीवन में जिसके अंतस में आत्म विश्वास है, कल्याण का भाव है उस जीव का दर्शन, ज्ञान, चारित्र नियत वर्धमान है, नियति की नियत्तता है, के संबंध में सम्यक नियति कहती है उसका पुरुषार्थ सबल होगा। जब तक सम्यक नियति नहीं आएगी तब तक पुरुषार्थ में सफलता नहीं मिलेगी। शुक्रवार को सुमतिधाम में गुरूदेव विराग सागर महाराज का 62 वा अवतरण दिवस हषोउल्लास के साथ मनाया गया। गुरूदेव को याद करते हुए पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि गुरुदेव विराग सागर जी ने जो पुरुषार्थ किया उसके पीछे नियत्तता बैठी थी। उसी नियतत्ता का फल है कि जीते जी पुरुषार्थ किया और जाते-जाते वह फल सभी दिशाओं में प्रवाहमान है। गुरुदेव विराग सागर जी वह वट वृक्ष के समान थे जिस पर सभी प्रकार के पक्षी कलरव करते थे। ऐसे वट वृक्ष के नीचे हम सभी मुनिगण चह चाहते रहें। सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट, पट्टाचार्य महोत्सव समिति, गुरू भक्त परिवार एवं मनीष-सपना गोधा ने बताया कि सुबह के सत्र में विधानाचार्य धर्मचन्द्र शास्त्री, चन्द्रकांत ईंडी, नीतिन झांझरी के निर्देशन में सुबह स्तुति, देव स्तवन की विधियां संपन्न हुई तो वहीं 6 बजे अभिषेक व शांतिधारा का सौभाग्य गुरू भक्त परिवारों को मिला। प्रात: 8 बजे गणाचार्य विराग सागर महाराज का 62 वां अवतरण दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। गुरू भक्तों ने चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन के साथ गुणानुवाद करते हुए जैन धर्मावलंबियों ने अपने उद्गार व्यक्त किए। गुरूवर के तप, साधना के साथ ही कई किस्सों को भी साझा किया गया, जिसे सुन देशना मंडप में बैठे लाखों गुरू भक्त भाव-विभोर हो उठे। :: इन्दौर सहित अन्य प्रदेशों की पत्र-पत्रिकाओं का विमोचन :: गुरू भक्त परिवार ने बताया कि आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के पट्टाचार्य महामहोत्सव के अवसर पर 40 जैन पत्र-पत्रिकाओं ने अपने विशेषांक प्रकाशित किए। मुनि सुप्रभ सागर महाराज की प्रेरणा से स्थापित उत्कर्ष समूह भारत ने इसका प्रयोजन किया। उत्कर्ष समूह के निदेशक डॉ सुनील संचय ललितपुर, राजेन्द्र जैन महावीर सनावद व दान दातारो के साथ सुमति धाम गुरु भक्त परिवार के सपना मनीष गोधा ने पत्र पत्रिकाओं के विमोचन किया। विमोचन समारोह का संचालन मुनि सुप्रभ सागर महाराज व मुनि प्रणत सागर जी महाराज ने करते हुए सभी संपादकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम संचालन राजेश जैन ने किया। संगीतकार अजीत जैन, राजेन्द्र जैन महावीर का सम्मान गुरुभक्त परिवार की ओर से सपना मनीष गोधा ने किया। इस अवसर पर आचार्य विनम्र सागर महाराज ने मनीष सपना गोधा दंपति की आयोजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पांच हजार सात सौ वर्ष का पुण्य कमा लिया है। :: पट्टाचार्य महोत्सव में संतों का मिला सान्निध्य :: सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट, पट्टाचार्य महोत्सव समिति, गुरू भक्त परिवार एवं मनीष-सपना गोधा ने बताया कि 6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव में गणाचार्य 108 पुष्पदंतसागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 विशुद्ध सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 प्रज्ञा सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 सुंदर सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 विशद सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 विभव सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 विहर्ष सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 विनिश्चय सागर महाराज ससंघ, आचार्य108 विनम्र सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 प्रसन्न ऋषि महाराज ससंघ, आचार्य 108 विप्रणत सागर महाराज ससंघ, आचार्य 108 विभक्त सागर महाराज ससंघ का सान्निध्य प्राप्त हुआ। इन्दौर के इतिहास में पहली बार जैन महाकुंभ के इस पट्टाचार्य महोत्सव में 8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि, 9 गणिनी आर्यिका, 123 आर्यिका माता जी, 105 ऐलक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका एक साथ मंच पर मौजूद थे। :: तीर्थ विहार ट्रैवल्स में इन्दौर में ही कराए तीन तीर्थों के दर्शन :: गुरू भक्त परिवार ने बताया कि 6 दिन जहां एक तरफ विधि विधान और पट्टाचार्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था वहीं दुसरी तरफ बच्चों को संस्कार देने के लिए तीर्थ विहार ट्रैवल्स रूपी झांकी बस बनाई गई। इस बस के माध्यम से इन्दौर में बैठे-बैठे ही भक्तों ने श्रवण बेलगोड़ा स्थित बाहुबलि भगवान का महामस्तकाभिषेक देखा वहीं तीर्थराज सम्मेद शिखर के दर्शन साक्षात किए। बड़े बाबा की छबि आंखों में भरते हुए कुंडलपुर के दर्शन इन्दौर नगरी में ही हो गए। उमेश/पीएम/2 मई 2025