अक्सर आजकल लोगों को दूसरे के बारे में ज्यादा सोचते हैं उसने ऐ घर ले लिया उसके पास सबकुछ है मेरे पास कुछ नहीं और अपनी चादर से अधिक पैर फैलाते हैं जिससे उसे आर्थिक संकट पैदा होती है उसे क्या मिला जो मिला वो उसके कर्म और भाग्य के कारण मिला जिससे आपको ना मिलने पर कुंठा घर कर जाती है दूसरों को नौकरी मिला अच्छी बात है मेहनत की और मिला लेकिन आप हमेशा उस भगवान राम को ध्यान कीजिये आप दूसरे के घर में ताकना छोड़ कर सच्चाई को जानने की कोशिश करेंगे ऐ संसार मिथ्या है भ्रम में फंसा है आप उससे बाहर निकल कर ईश्वर का ध्यान करें कुछ भी नहीं तो शांति अवश्य मिलेगी इंसान को बनाया ईश्वर ने ज्ञान भी दिया लेकिन ज्ञान को एक जगह संचित नहीं करने से दिमाग़ भटकने लगता है और वो अपने से तुलना कर और भी निराश या अधिक होने पर ख़ुशी में रहता है अब आप सतर्क हो जाएं क्योंकि आपके पास जो समय मिला है वो बहुत ही कम है जिंदगी एक नाटक की तरह जिसमें सब अपना रोल प्ले करते हैं लेकिन यदि क़ोई अच्छा रोल कर रहा हो तो उसके बारे में सोच कर डर से अपना रोल भूल जायेंगे और मंच पर आप खुद मज़ाक के पात्र बन जायेंगे आप ईश्वर पर ध्यान कीजिये भगवान श्री राम पर ध्यान करें ध्यान भटक रहा है तो कुछ समय के लिए बेकार की बातों को सोचना छोड़ दीजिये मुझे क्या करना है वो नेक और पवित्र होना चाहिए विचार सही होगा तो तनाव नहीं होगा सुख और दुःख जीवन में आते रहते हैं जीवन बहुत मुश्किल से मिला है और दोबारा आसानी से नहीं मिलेगा अतः बची खुची जिंदगी को खुशी से जियें लोग क्या कर रहें हैँ क्या सोचेंगे इसपर ध्यान देने से आपकी परेशानी और ज्यादा बढ़ेगी अतः मन को शांत कर एकाग्र होने की कोशिश करें हमेशा अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे क्योंकि अगर आपका स्वास्थ्य ही ठीक नहीं रहेगा तो आप दूसरे पर निर्भर करेंगे और मैं बता रहा हूँ उस समय झेलाना आपको पड़ेगा जो कष्टदाई होगा इस जगत में जब सब एक दिन नस्ट होने वाला है तो क्यों न जो सत्य है उसपर ध्यान दें इसलिए प्रभु राम का ध्यान कीजिये और खुश रहें क्योंकि अंत में उन्ही का नाम सत्य होता है जो सभी बंधनों से मुक्त और सदा आपको गलत चीजों से बचाता है संस्कार अच्छा रहेगा तो सब कुछ मिलेगा क़ोई बहुत बड़ा आदमी क्यों न हो संस्कार ठीक नहीं है तो सब बेकार मान लीजिये बड़ा आदमी है लेकिन रोज शराब की लत में डूबा है उसके दिमाग़ में यही चल रहा है कौन सा विस्की, स्कॉच, वाइन, बियर ठीक है और कितना दाम है वो दूसरों पर क्या ध्यान देगा अतः उसे शराब से प्यार है आपसे नहीं और ऐसे आदमी नशे की हालत में कुछ भी बोल सकता है जिससे आपकी प्रतिष्ठा को केवल घर तक ही नहीं मोहल्ले में सुनाएगा जिससे आपकी भारी बदनामी होगी रोज मार पिट कर रोड पर पड़ा रहेगा बताएँगे आपकी और परिवार की क्या इज्जत रहेगी सिर्फ पैसा ही सबकुछ नहीं हैं आप अपनी आय से कितना बचा लेते हैं यही आखिर आपको अंत में काम आएगा ख़र्ज करना बहुत आसान है बचाना मुश्किल जरूर है लेकिन यही आपके बुरे वक़्त में काम आएगा सीखना है तो भगवान श्री राम से सीखें.राम को वीरता, सही काम करने और एक आदर्श पुत्र और पति होने के लिए जाना जाता है । इसके अलावा, वह बहुत मर्यादा का पालन करना और असत्य से नहीं डरने का साहस था इसलिए वो महान वीर थे, जैसा कि सीता के पिता द्वारा शिव के धनुष को मोड़ने की चुनौती से देखा जा सकता है। वह इसे तोड़ सकते हैं। भगवान राम विष्णु के अवतार हैं। हिंदू धर्म के कुछ संप्रदायों, जैसे वैष्णव धर्म में, विष्णु सर्वोच्च देवता हैं और उनके सभी अवतारों की पूजा की जाती है।स्वामी विवेकानंद भगवान श्री राम के ध्यान में ऐसा डूबे की उन्हें ईश्वर का साक्षात् रूप दिखा स्वामी विवेकानंद ने उन्हें ईश्वर के रूप में माना है औऱ विभिन्न अवसरों पर अपने व्याख्यानों में श्रीराम कथा के पात्रों विशेषकर श्रीराम, माता सीता और श्रीहनुमान आदि के चरित्र का बखान करते हुए मुक्त कंठ से उनकी प्रशंसा की। 2 सितंबर 1897 को मद्रास (अब के चेन्नई) के विक्टोरिया हॉल में उन्होंने कहा था:“मैं बस राम के पुल के निर्माण में उस गिलहरी की तरह बनना चाहता हूँ, जो पुल पर अपनी थोड़ी सी रेत-धूल डालकर काफी मजबूत थी। भगवान श्री उनमें अलौकिकता एवं धीरोदत्त नायक की विशेषताएं राम में भी वे सामान्य मनुष्यो की तरह जीवन जीते है। सामान्य मनुष्यो के सामने एक आदर्श प्रस्थापित करने के लिए प्रभु जीवन जीने की राह दिखाते है। प्रभु ने ब्रह्म स्वरूप होकर भी कहीं पर भी अपनी शक्ति का प्रचलन नहीं किया। प्रभु के लिए तो हर समस्या का समाधान पल भर में मिलता है किंतु प्रभु को सामान्य मनुष्य की तरह रहने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रभु ने सर्वज्ञात होकर भी अज्ञात बनकर गुरु वशिष्ठ से ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया तथा विश्वामित्र द्वारा भी मंत्रसिद्धियाँ प्राप्त की। पंचवटी में वे सीता की सुवर्णमृग की चमड़ी से बनी कंचुकी पहनने की चाँह सामान्य मनुष्यो की तरह पूरी करने के लिए मृग के पीछे दौड़ते है। रावण द्वारा सीताहरण होने पर वे सीता की खोज करते समय सामान्य मनुष्य की तरह विलाप करते है। ऐसा अनेक प्रसंगो मे श्रीराम के अलौकिक होते हुए भी उनके लौकिक रुप के दर्शन होते हैं.राम को भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में जाना जाता है और साथ ही रामायण में वर्णित उनके कई वीरतापूर्ण कारनामों के लिए भी जाना जाता है। हिंदू राम की निष्ठा, सदाचार, दयालुता, विनम्रता और वीरतापूर्ण कहानियों की सराहना करते हैं। (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) ईएमएस / 04 मई 25