04-May-2025
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कीव(ईएमएस)। यूक्रेन के राष्ट्र्पति व्लादिमीर जेलेंस्की ने रूस द्वारा दिए गए तीन दिवसीय सीजफायर के प्रस्ताव को मजाक बताते हुए अस्वीकार कर दिया था। अब उन्होंने रूस की विक्ट्री डे परेड में आने वाले विदेशी मेहमानों को चेतावनी देते हुए कहा है कि मैं किसी की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता। परेड में आने वाले मेहमानों को जान का खतरा हो सकता है।स्थानीय खबरों के मुताबिक इस मामले में जेलेंस्की ने कहा, रूस से क्षेत्र में आने वाले दिनों में जो कुछ भी होता है उसके जिम्मेदार हम नहीं है। वह आपको सुरक्षा देते हैं इसलिए हम इस मामले में किसी को कोई गारंटी नहीं दे सकते। कीव 3 नहीं। 30 दिन के सीजफायर के पक्ष में रहा है। पुतिन द्वारा नाजी जर्मनी के ऊपर जीत के उपलक्ष्य में तीन दिन का युद्ध विराम का प्रस्ताव देना एक मजाक। या एक धोखा देने की चाल के अलावा कुछ नहीं था। ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि सर्बिया के राष्ट्रपति वुसिक और स्लोवाकिया के पीएम फिको, यूरोपियन यूनियन के आदेश की अवहेलना करके रूस जाने वाले थे वे दोनों बीमार हो गए हैं। जेलेंस्की के बयान पर पलटवार करते हुए रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि कोई भी जेलेंस्की की गारंटी के पक्ष में न हीं है।। लेकिन अगर उनके उकसावे के चलते यूक्रेन की तरफ से कोई कार्रवाई की गई तो फिर कीव में 10 मई की सुबह की गारंटी कोई नहीं दे सकता। बता दें दूसरे विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर अपने जीत के 80 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रूस में विक्ट्री डे परेड का आयोजन होना है। इसका मुख्य कार्यक्रम मॉस्को रेड स्क्वायर पर होगा। भारत की तरफ से इसमें पीएम मोदी को शामिल होने का न्यौता मिला था लेकिन उनकी जगह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जाने की बात सामने आई थी लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि रक्षा मंत्री भी इसमें शामिल नहीं होंगे, उनकी जगह किसी जूनियर मंत्री को भेजा जाएगा। भारत के अलावा इस आयोजन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, बेलारूस, सर्बिया और वेनेजुएला के राष्ट्रपति और इसके अलावा स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको सहित 20 से अधिक देशों के नेता के शामिल होने की संभावना है। बकौल जैलेंस्की, बिना शर्त युद्ध विराम का प्रस्ताव अमेरिका द्वारा प्रस्तावित योजना का हिस्सा है और हम इसका ही पालन कर हैं। हम चाहते हैं कि युद्ध विराम हो लेकिन तीन नहीं बल्कि 30 दिन के लिए। आइए हम 30 दिन के युद्ध विराम का प्रयास करते हैं। जेलेंस्की से जब पूछा गया कि आखिर तीन दिनों ही क्यों।। इस पर जेलेंस्की ने जवाब दिया कि 30 दिन इसलिए क्योंकि तीन, पांच या सात दिनों में से किसी भी सीजफायर पर सहमति देने संभव नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/04मई 2025 -----------------------------------