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05-May-2025
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- होटल पर छापेमारी के बाद मचा बवाल ग्वालियर (ईएमएस)। मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल रविवार रात उस वक्त सुर्खियों में आ गए जब ग्वालियर के क्वालिटी रेस्टोरेंट में उन्हें टेबल नहीं मिलने पर उन्होंने नाराज होकर फूड सेफ्टी विभाग की टीम को मौके पर बुला लिया। रात करीब सवा 11 बजे तक फूड विभाग की टीम ने होटल के किचन में पहुंचकर तेल, पनीर और मावा के पांच सैंपल लिए, जिससे होटल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। दरअसल, मंत्री पटेल विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी के रिसेप्शन में शामिल होने के बाद परिवार संग रेस्टोरेंट पहुंचे थे। वे इस दौरान कुर्ता-पायजामा की बजाय फॉर्मल ड्रेस में थे, जिससे होटल स्टाफ उन्हें पहचान नहीं सका और सीट न होने की वजह से इंतजार करने को कह दिया। इसी बात से मंत्री भड़क उठे और होटल में गंदगी की शिकायत करते हुए आधी रात फूड विभाग की टीम तलब कर ली। भाजपा के जिला अध्यक्ष, मीडिया प्रभारी और पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। कुछ देर बाद मंत्री को टेबल मिल गई और मामला शांत हुआ। -कांग्रेस ने साधा निशाना मामले पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया (एक्स) पर तीखी प्रतिक्रिया दी और लिखा, “बीजेपी के मंत्री सत्ता के नशे में चूर हैं, जनता को धमकाना इनकी आदत बन चुकी है।” यह विवाद अब सियासी रंग ले चुका है और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है। -पीएसओ ने की धक्का-मुक्की होटल संचालक कमल अरोरा का कहना है कि उन्हें पहले ही फूड विभाग की ओर से कॉल कर टेबल बुक रखने को कहा गया था। लेकिन मंत्री के स्टाफ ने पहचान बताने पर नाराजगी जताई और मंत्री के साथ आए पीएसओ और समर्थकों ने स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की की। - व्यापारी संगठन भड़के, मंत्री की बर्खास्तगी की मांग मामले के तूल पकड़ते ही ग्वालियर चेंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और पुलिस से चर्चा की। चेंबर अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने इसे तानाशाही और गुंडागर्दी करार देते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मंत्री पटेल को बर्खास्त करने की मांग की है। मंत्री पटेल ने दी सफाई मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सफाई देते हुए कहा कि वे अस्पताल और एंबुलेंस का निरीक्षण कर रहे थे और उसी क्रम में रेस्टोरेंट की जांच के लिए पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि होटल स्टाफ ने उनके साथ बदतमीजी की और सवाल उठाया कि जब एक मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है तो आम जनता और कर्मचारियों के साथ कैसा बर्ताव होता होगा।