- एस -400 तकनीक लीक होने की आशंका नई दिल्ली (ईएमएस)। बुल्गारिया की रक्षा समाचार वेबसाइट मिल्ट्री,कॉम की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन और पाकिस्तान के बीच एक गुप्त समझौते पर बातचीत हो रही है। इस समझौते के तहत चीन पाकिस्तान को अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की तकनीकी जानकारी पाकिस्तान को सौंप सकता है। यदि यह समझौता चीन और पाकिस्तान के बीच में हो जाता है। तो यह भारत की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक संतुलन के लिए बड़ा झटका साबित होगा। भारत ने 2018 में रूस से 5.43 अरब डॉलर की लागत से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सौदा किया था। यह प्रणाली 400 किलोमीटर की रेंज तक किसी भी हवाई खतरे जैसे लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल, ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रैक कर ध्वस्त करने में सक्षम है। अभी भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं। दो स्क्वाड्रन रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अभी भारत को नहीं मिले हैं। भारत ने इन्हें चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात कर रखा है। रिपोर्ट के अनुसार,चीन 2014 में रूस से S-400 तकनीकि हासिल कर चुका था। एस 400 की तकनीकी विशेषताओं और कमजोरियों से चीन और भारत अच्छी तरह से जानते हैं। चीन गुप्त रक्षा समझौते में यदि यह तकनीकी पाकिस्तान को देगा। रडार फ्रीक्वेंसी, जामिंग तकनीक, ब्लाइंड स्पॉट और इंटरसेप्शन लॉजिक जैसी जानकारी पाकिस्तान के साथ चीन साझा कर सकता है। इससे पाकिस्तान, भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली को नाकाम करने में सक्षम हो जायेगा। इस खुलासे ने भारत की कूटनीतिक स्थिति को झकझोर दिया है। अंतरराष्ट्रीय हथियार डील्स में एंड-यूजर एग्रीमेंट होता है, जिसके तहत खरीदी गई प्रणाली की जानकारी किसी तीसरे पक्ष को साझा नहीं की जा सकती है। चीन ने इसका उल्लंघन किया, तो भारत को रूस के समक्ष औपचारिक आपत्ति दर्ज करानी पड़ सकती है। यह आपत्ति भारत को तुरंत करनी होगी। इसके लिए रूस का समर्थन भी चाहिए होगा। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है, यह मामला केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित नहीं है। इससे भारत की रूस पर निर्भरता, अमेरिका के साथ बढ़ती निकटता और वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी असर होगा। भारत को सावधानीपूर्वक कदम उठाने होंगे। एसजे / 04 मई 25