राज्य
04-May-2025


हाईकोर्ट ने रीवा कलेक्टर सहित अन्य से मांगा जवाब जबलपुर, (ईएमएस)। हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए रीवा जिले के 408 किसानों को फर्जी मानकर उनका पंजीयन निरस्त किए जाने को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने इस सिलसिले में रीवा कलेक्टर सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। जनहित याचिकाकर्ता भाजपा जिला सहकारिता के पूर्व कोषाध्यक्ष दिनकर प्रसाद द्विवेदी की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि रीवा जिले के 408 किसानों को फर्जी बताते हुए समितियों ने उनका पंजीयन निरस्त कर दिया, जिससे वह धान विक्रय करने से वंचित रह गए। जिस पर पंजीयन निरस्त करने वाले संस्थाओं के विरुद्ध कार्यवाही को लेकर प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण भोपाल एवं आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण भोपाल को शिकायत की गई। जिस पर अपर संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण भोपाल ने 10 जनवरी, 2025 को रीवा जिले में 408 किसानों के पंजीयन डिलीट करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई के लिये जिला कलेक्टर रीवा को निर्देश दिये। जिस पर जिला आपूर्ति नियंत्रक जिला रीवा ने 17 जनवरी 2025 को उक्त शिकायत की जांच हेतु टीम का गठन किया। जिसमें सहायक कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी विकासखंड रीवा सहित अन्य को शामिल किया गया। जांच टीम ने अनियमितताएं पाईं और रीवा कलेक्टर ने कम्प्यूटर आपरेटर की सेवा रवि विपणन वर्ष 2025-26 गेहूं उपार्जन से वंचित कर दिया, लेकिन पद से अलग नहीं किया। इसके बाद गेहू उपार्जन हेतु 36 केन्द्र बनाये गये। जिस पर आवेदक की ओर से आवेदन पेश कर रीवा जिले में निरस्त पंजीयन की जांच पूर्ण न करके आपात्र 36 समितियों को गेहूं खरीदी केंद्र बनाए जाने को निरस्त किए जाने की मांग की गई। आवेदक की ओर से कहा गया कि कलेक्टर ने न तो 36 खरीदी केन्द्रों को निरस्त किया और न ही उनके कर्मियों पर कोई कार्यवाही की। जिस पर हाई कोर्ट की शरण ली गई है। सुनील साहू / मोनिका / 04 मई 2025/ 06.00