- महागठबंधन में तेजस्वी को लेकर मतभेद - कांग्रेस दो धड़ों में बंटी पटना (ईएमएस)। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सबसे बड़ा मतभेद अब कांग्रेस के भीतर ही उभरकर सामने आया है। तेजस्वी यादव को सीएम फेस बनाए जाने को लेकर बिहार कांग्रेस दो गुटों में बंटती नजर आ रही है। एक ओर जहां प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू का कहना है कि सीएम फेस का फैसला चुनाव बाद किया जाएगा, वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने उनकी ही बातों को खारिज कर तेजस्वी यादव को गठबंधन का नेता घोषित कर दिया है। शकील अहमद ने दो टूक कहा दिया है की तेजस्वी यादव हमारे नेता हैं और गठबंधन को लीड कर रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं है। अगर किसी को उनके नाम पर दिक्कत है तो ये उनकी समस्या है। तेजस्वी ही महागठबंधन का चेहरा हैं और रहेंगे। उन्होंने साफ कहा कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है और जो लोग इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, उनकी मंशा पर सवाल उठता है। शकील अहमद खान के बयान से साफ हो गया है कि कांग्रेस में एक धड़ा आरजेडी और तेजस्वी यादव के साथ पूरी तरह खड़ा है, जबकि दूसरा गुट अब भी सीएम फेस पर सहमति देने से पीछे हट रहा है। कृष्णा अल्लावरू तेजस्वी को चेहरा मानने को तैयार नहीं हैं, जिससे कांग्रेस में आंतरिक मतभेद और अधिक गहरा गया है। - तीन बैठकें बेनतीजा महागठबंधन की पटना में अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के नाम पर आधिकारिक मुहर नहीं लग सकी है। आरजेडी की ओर से पहले ही ऐलान हो चुका है कि तेजस्वी ही सीएम फेस होंगे, पर कांग्रेस का अड़ियल रवैया अब गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रहा है। इस पूरे घटनाक्रम पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि क्या कांग्रेस ने आरजेडी के सामने समर्पण कर दिया है? या फिर यह केवल सत्ता की साझेदारी की खींचतान है? बिहार कांग्रेस में तेजस्वी यादव के नाम पर अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आ चुकी है। महागठबंधन को मजबूत करने की जगह, कांग्रेस के भीतर ही नेतृत्व को लेकर मतभेद महागठबंधन की रणनीति को कमजोर कर सकते हैं।